हनुमान बेनीवाल की सीएम भजनलाल से मुलाकात की खबर, क्या बीजेपी से नजदीकी की है चाह ?
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हनुमान बेनीवाल की सीएम भजनलाल से मुलाकात की खबर, क्या बीजेपी से नजदीकी की है चाह ?

Rajasthan Politics : पहले राजकुमार रोत (Rajkumar Roat)और अब हनुमान बेनीवाल (Hanuman Beniwal)की सीएम भजनलाल (CM Bhajanlal Sharma)से मुलाकात की खबर ने सियासी गलियारों में कानाफूसी बढ़ा दी है. दोनों कांग्रेस के समर्थन से बीजेपी के खिलाफ लोकसभा चुनाव जीतकर संसद पहुंचे. लेकिन अचानक सीएम से हुई ये मुलाकातों की खबरों ने सियासी गलियारों में हलचलें बढ़ा रही हैं. आपके लिए खबर के पीछे की खबर को भी समझना जरूरी है और उस खबर को भी जो दिखाई दे रही है.

 

Hanuman Beniwal

Rajasthan Politics : पहले राजकुमार रोत (Rajkumar Roat)और अब हनुमान बेनीवाल (Hanuman Beniwal)की सीएम भजनलाल (CM Bhajanlal Sharma)से मुलाकात की खबरों ने सियासी गलियारों में कानाफूसी बढ़ा दी है. दोनों कांग्रेस के समर्थन से बीजेपी के खिलाफ लोकसभा चुनाव जीतकर संसद पहुंचे. लेकिन अचानक सीएम से हुई ये मुलाकातों की खबरों ने सियासी गलियारों में हलचलें बढ़ा रही हैं. आपके लिए खबर के पीछे की खबर को भी समझना जरूरी है और उस खबर को भी जो दिखाई दे रही है.

दरअसल हनुमान बेनीवाल खींवसर से विधायक थे और लोकसभा चुनाव जीतने के बाद फिर से संसद पहुंचे. ऐसे में उन्हे बतौर विधायक अपने पद से इस्तीफा देना है. संभावना जो दिखाई भी देगी और दिखाई भी जाएगी वो है शिष्टाचार की मुलाकात, लेकिन राजनीति के पारखी कुछ और ही खिचड़ी पकती देख रहे हैं.

ऐसे में हनुमान बेनीवाल की सियासी सफर को समझना जरूरी है. एक जमाना था जब नागौर की सियासत मिर्धा परिवार के इर्द गिर्द घूम रही थी. लेकिन एक बार फिर नागौर लोकसभा सीट से जीतकर आरएलपी सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल ने राजनीतिक कुशलता का प्रदर्शन किया है. बेनीवाल ने सासंद का पहला चुनाव 2014 में एक निर्दलीय प्रत्याशी की तरह लड़ा और हारे.

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फिर 2019 में बेनीवाल की पार्टी RLP, एनडीए में शामिल हो गयी और वो एनडीए प्रत्याशी के रूप में जीते. लेकिन इस बार  RLP ने  इंडिया गठबंधन का हिस्सा बनकर चुनाव लड़ा और दूसरी बार हनुमान बेनीवाल सांसद बन गए. और ये साबित कर दिया कि वो नागौर की राजनीति के बेहद मजबूत किरदार हैं.

बीजेपी और कांग्रेस दोनों पार्टियों के लिए जरूरी बन चुके हनुमान बेनीवाल ने किसानों के मुद्दे को लेकर एनडीए से नाता तोड़ लिया था. नागौर के अलावा  बाड़मेर, बीकानेर, जयपुर और सीकर में भी बेनीवाल की अच्छी पकड़ है, जिसकी बागनी किसान हुंकार महारैलियों में देखने को मिली हैं.

1995 में राजस्थान कॉलेज में प्रेसीडेंट पद से राजनीति में आने वाले हनुमान बेनीवाल के एक इशारें पर हजारों की भीड़ जमा हो जाती है. लोगों के बीच बेनीवाल की लोकप्रियता की वजह है, उनके अपने इलाकों में किए गए विकास कार्य है. ये ही नहीं बेनीवाल हमेशा मिट्टी से जुड़े रहें और आम लोगों की समस्याओं के लिए अक्सर धरना प्रदर्शन करते दिख जाते हैं. ऐसे में राजस्थान के राजनीति के धुंरधंर बेनीवाल अगर सीएम भजनलाल से मुलाकात कर रहे हैं तो दूसरे मायने निकलना स्वभाविक है. हांलाकि हनुमान बेनीवाल की सीएम से मुलाकात की खबर की पुष्टि नहीं हुई है.

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