Success Story: राजस्थानी बहू के हुनर ने बढ़ाया मान, देश की टॉप-20 बिजनेस वुमन में हुई शामिल
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Success Story: राजस्थानी बहू के हुनर ने बढ़ाया मान, देश की टॉप-20 बिजनेस वुमन में हुई शामिल

विदेश की लाखों की नौकरी छोड़कर प्रीति वाधवा ने अपना बिजनेस शुरू किया था. हाल ही में दिल्ली में आयोजित हुए इंडियन डायरेक्ट सेलिंग एसोसिएशन ने इस राजस्थानी बहू को देश की टॉप 18 महिला बिजनेस में शामिल किया गया है.

Success Story: राजस्थानी बहू के हुनर ने बढ़ाया मान, देश की टॉप-20 बिजनेस वुमन में हुई शामिल

Success Story: राजस्थानी बहू का जिक्र होते ही अक्सर लोगों के मन में लंबा सा घूंघट, हाथों में भरी-भरी चूड़ियां और घाघरा चोली पहने चूल्हे पर काम करती महिला की छवि बनने लगती है लेकिन आज हम आपको एक ऐसी राजस्थानी बहू के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने जापान में नौकरी करके अपना हुनर तो साबित ही किया लेकिन आजकल पंजाब में करोड़ों का बिजनेस कर रही हैं.

जी हां यह कहानी राजस्थान की बहू प्रीति वाधवा की है. उन्हें हाल ही में देश की टॉप 18 महिला बिजनेस में शामिल किया गया है. विदेश की लाखों की नौकरी छोड़कर प्रीति वाधवा ने अपना बिजनेस शुरू किया था. हाल ही में दिल्ली में आयोजित हुए इंडियन डायरेक्ट सेलिंग एसोसिएशन ने इस राजस्थानी बहू को देश की टॉप 18 महिला बिजनेस में शामिल किया गया है.

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जानकारी के लिए बता दें कि फिलहाल यह राजस्थानी बहू पंजाब में रहकर बिजनेस कर रही है लेकिन राजस्थान से इनकी जड़ें जुड़ी हुई हैं. बता दें कि प्रीति वाधवा ने बिजनेस शुरू करने के लिए लाखों रुपये की प्राइवेट नौकरी को ठोकर मार दी थी. सफलता की अनोखी दास्तान है राजस्थान के श्रीगंगानगर के ट्रांसपोर्टर त्रिलोक वाधवा की बहू प्रीति वाधवा की. उन्होंने यह खिताब जीता है. 

प्रीति पहले इंश्योरेंस कंपनी में काम करती थी. इसके बाद उनकी मुलाकात गौरव वाधवा से हुई. फिर गौरव और प्रीति दोनों ने जापान की कंपनी में वॉटर प्यूरीफायर इक्विपमेंट की सेलिंग स्टार्ट की. शुरुआती दौर में प्रोडक्ट 2 से 3 लाख में बिकता था. दोनों हसबेंड वाइफ 20 से 30 इक्विपमेंट हर महीने बेच देते थे.

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पापा के कहने पर छोड़ी लाखों की जॉब 
प्रीति वाधवा का कहना है कि बिजनेस उन्होंने अपने पिता इंद्रमोहन से सीखा है. उनके पिता इंद्रमोहन का कहना था कि बेटी तुमको बिजनेस करना है. इससे शुरुआत में उन्होंने इंश्योरेंस बिजनेस और फिर बाद में वॉटर प्योरिफिकेशन में काम करना स्टार्ट किया. 

बिजनेस के साथ प्रीति वाधवा समाजसेवी भी हैं. उनके पिता की लंबी बीमारी के बाद मौत हो गई. फिर प्रीति ने ऐसे इक्विपमेंट की तलाश की, जिससे कि लोगों की जान बचाई जा सके. प्रीति वाधवा का कहना है कि वॉटर प्योरिफिकेशन से बेहतर उन्हें कोई ऑप्शन नहीं मिला. इससे शरीर में किसी भी तरह के जर्म्स नहीं जाते. आज प्रीति वाधवा इंडिया ही नहीं बल्कि दुनिया भर के 7 से 8 देशों में अपने प्रोडक्ट को बेच रही हैं.

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