श्रीगंगानगर न्यूज: गजसिंहपुर में हरनौली हैड का पुल धंसने के मामले को लेकर अभी तक जल संसाधन विभाग हरकत में नहीं आया है.16 मार्च की रात को नहर का पुल धंसा था.
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Karanpur, Sriganganagar: गजसिंहपुर केए पास हरनौली हैड का पुल टूटे हुए 36 दिन से उपर हो चुके है किन्तु अभी तक जल संसाधन विभाग पुल का निर्माण के लिए सक्रिय नहीं हुआ.बता दें कि 16 मार्च की रात को पुल धंसा था जिसके चलते नहर ओवर फ्लो होने से नहर में कटाव आ गया था. 37 दिन बीत जाने के बाद भी जल संसाधन विभाग द्वारा पुल का निर्माण नहीं करवाया गया. ऐसे में अब बॉर्डर से सटे गांवों का संपर्क टूटा हुआ है. इस पुल के टूटने से दोनों तरफ बसे गांवों में आवागमन काफी दिनों से बंद था.
ऐसे में नहरबंदी के चलते मजबूर ग्रामीणों ने नहर के बीच से रास्ता बनाकर आवागमन फिलहाल शुरू तो कर लिया है लेकिन नहरबंदी के बाद से दोनों तरफ से आवागमन फिर बंद हो जाएगा. पुल टूटने से पुल का महज एक फिट का टुकड़ा शेष बचा है. जिस पर ग्रामीण अपनी जान खतरे में डालकर पुल पार करने को मजबूर हैं. बता दें कि इस पुल से पार करते वक्त कई बाइक सवार बाइक सहित नहर में गिर चुके है,बता दें कि भारत-पाक अंतराष्ट्रीय बॉर्डर तक जाने के लिए यह एक मात्र रास्ता है जो सैन्य दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है.
सैन्य वाहन और अन्य प्रशासन की गाड़ियां अन्य रास्तों से होकर गंतव्य की ओर जा रही हैं,ऐसे में अब बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स के लिए भी यह की बड़ी मुसीबत बनी हुई है. बता दें कि एक वर्ष पूर्व भी इस पुल का कुछ हिस्सा धंसने से नहरी विभाग ने लिपापोती कर दोनों तरफ के गांवों का आवागमन सुचारू किया था. लेकिन नहरी विभाग द्वारा मरम्मत किया पुल भी ज्यादा समय नहीं टिक पाया,जिसका खामियाजा आज बॉर्डर से सटे गांव के ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है.
ऐसे में अब ग्रामीणों को लंबा रास्ता तय कर गांव मोटासर खूनी की ओर से होकर लोग दूसरे गांव को ग्रामीण मजबूर हैं. ऐसे में सबसे ज्यादा काश्तकारों को परेशानी झेलनी पड़ रही है. ऐसे में न तो जल संसाधन विभाग हरकत में आया और ना ही प्रशासन,किंतु एक माह गुजर जाने के बाद भी जल संसाधन विभाग हरकत में नहीं आया है जिससे ग्रामीणों में रोष है. हालांकि जल संसाधन विभाग के एसडीओ अतुल शर्मा ने एक माह पूर्व जल्द ही पुल निर्माण करवाने का आश्वासन दिया था, ऐसे में एक बार फिर एसडीओ अतुल शर्मा ने कहा पुल निर्माण के लिए प्रपोजल बनाकर उच्चाधिकारियों को भेज दिया गया है. स्वीकृति मिलते ही एक माह में यह कार्य कर दिया जाएगा,अनुमानत इस कार्य में 1 से 2 माह लग सकते हैं, बहरहाल अब देखना ये होगा कि आखिर अब नहरी विभाग द्वारा यहां पुल बनाकर सीमा से सटे ग्रामीणों को राहत मिलेगी.
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