राजस्थान में सिर्फ यहां मिलता है काला सोना

Ansh Raj
Jan 20, 2025

राजस्थान में अफीम की खेती एक प्रमुख गतिविधि रही है, जिसे अक्सर "काला सोना" कहा जाता है.

अफीम एक महत्वपूर्ण नकदी फसल है और राजस्थान में इसकी खेती मुख्य रूप से चित्तौड़गढ़, कोटा, बूंदी और झालावाड़ जिलों में की जाती है.

अफीम की खेती का इतिहास राजस्थान में बहुत पुराना है और यह क्षेत्र की अर्थव्यवस्था में एक महत्वपूर्ण योगदान करती है.

हालांकि, अफीम की खेती को लेकर कई विवाद और चुनौतियाँ भी हैं, जिनमें इसके दुरुपयोग और अवैध व्यापार की समस्या शामिल है.

राजस्थान सरकार ने अफीम की खेती को विनियमित करने और इसके दुरुपयोग को रोकने के लिए कई कदम उठाए हैं.

इनमें अफीम की खेती के लिए लाइसेंस की आवश्यकता, अफीम की खरीद और बिक्री की निगरानी और अफीम के दुरुपयोग के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शामिल है.

अफीम की खरीद और बिक्री

अफीम की खरीद और बिक्री की निगरानी की जाती है ताकि इसके दुरुपयोग को रोका जा सके.

दुरुपयोग के खिलाफ कार्रवाई

अफीम के दुरुपयोग के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाती है ताकि इसके दुरुपयोग को रोका जा सके.

अफीम की खेती के लाभ

अफीम की खेती से किसानों को अच्छी आय होती है और यह राजस्थान की अर्थव्यवस्था में एक महत्वपूर्ण योगदान करती है.

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