Sambhal Jama Masjid: संभल में फिलहाल हालात कंट्रोल में हैं और आम जिंदगी फिर से पटरी पर लौट रही है. हालांकि पिछले कुछ दिन यहां के लोगों के लिए काफी डराने वाले रहे. सियासत जारी है और तरह-तरह के सवालों के बीच एक यह भी सवाल उठ रहा है कि आखिर मस्जिद का सर्वे दोबारा क्यों करवाया गया? तो इस संबंध में अब बड़ी वजह सामने आ गई है.
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Sambhal Jama Masjid: संभल की जामा मस्जिद को लेकर किए जा रहे दावे और सर्वे के बाद हुई हिंसा देशभर में चर्चा का विषय बनी हुई है. हिंसा में 4-5 लोगों की मौत हो गई है और शनिवार को 4 दिन की पाबंदी के इंटरनेट भी खोल दिया गया है. हालांकि जगह-जगह पर अभी-भी सिक्योरिटी फोर्सेज़ तैनात है और हालात पर बारीकी से नगर बनाए हुए हैं. इसको लेकर सियासत भी गर्म है, विपक्षी पार्टियां इस मामले में सरकार को घेर रही हैं. साथ ही यह भी सवाल उठ रहा है कि आखिर जब एक बार सर्वे हो गया था तो दोबारा सर्वे की जरूरत क्यों पड़ी? आपके इसी सवाल का जवाब आज हम आपको बताएंगे.
संभल की जामा मस्जिद में दोबारा सर्वे क्यों हुआ. इसको लेकर बड़ा खुलासा हुआ है. ज़ी न्यूज़ के पास कोर्ट कमिश्नर की वो खत है, जिसमें दोबारा सर्वे करने के कारणों का जिक्र है. संभल में रविवार को हुई हिंसा से ठीक पहले का एक वीडियो भी सामने आया है. जिसमें जामा मस्जिद के बाहर इकट्ठा भीड़ दिख रही है. साथ में वहां तैनात सीओ अनुज चौधरी भी है. वीडियो में सीओ वहां मौजूद लोगों को समझाते हुए दिखाई दे रहे हैं. तो आखिर ऐसा उस दिन ऐसा क्या हो गया था कि सर्वे दोबारा करवाना पड़ा, जिसके नतीजे में यह हिंसा हुई और बड़ी तादाद में नुकसान में हुआ.
दरअसल पहले सर्वे को लेकर कोर्ट कमिश्नर ने कहा था कि उस दौरान मस्जिद के अंदर बाहर भारी भीड़ जमा हो गई थी. लोग नारेबाजी कर रहे थे, साथ ही कम रोशनी की वजह से वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी में भी दिक्कतें पेश आईं. मस्जिद कमेटी ने ये बताया था कि नमाज होने की वजह से भीड़ को काबू करना मुश्किल हो रहा है. ASI यानी पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने भी गंभीर आरोप लगाये हैं. ASI ने कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर बताया है कि मस्जिद कमेटी के लोग ASI के काम में अड़ंगा डालते रहे हैं. ASI के मुताबिक मस्जिद संरक्षित इमारत है लेकिन मस्जिद कमेटी के ऐतराज की वजह से वहां मुआयना करना हमेशा मुश्किल रहा है.
बता दें कि संभल में हिंसा का मुख्य कारण दूसरा सर्वे ही बना था. दूसरे सर्वे के दौरान विवाद पैदा हो गया था. हिंसा के दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हुई. इस दौरान पथराव, आगजनी और गोलीबारी की घटनाएं हुईं. इस हिंसा में चार लोगों की मौत हुई 20 से ज्यादा पुलिसकर्मी भी जख्मी हुए. हिंसा के बाद संभल में तनावपूर्ण माहौल बना रहा. प्रशासन ने स्थिति को कंट्रोल करने के लिए सख्त कदम उठाए. इंटरनेट पर पाबंदी लगाई और स्कूलों को भी बंद किया गया था. पुलिस ने अब तक 30 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया और इलाके में भारी तादाद में पुलिस फोर्स तैनात की गई है.
संभल जामा मस्जिद को लेकर हिंदू पक्ष का मुख्य दावा यह है कि इस स्थान पर पहले एक हिंदू मंदिर था, जिसका नाम हरिहर मंदिर था. उनका मानना है कि मुगल काल में इस मंदिर को तोड़कर जामा मस्जिद बनाई गई थी. यही मांग लेकर हिंदू पक्ष ने अदालत का रुख किया और अदालत ने इस मामले सर्वे का आदेश दिया था.
निचली अदालत की तरफ से दिए गए सर्वे के फैसले के खिलाफ मस्जिद कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. सुप्रीम कोर्ट में हुई एक छोटी सी सुनवाई के दौरान अदालत ने निचली अदालत को 8 जनवरी 2025 तक कोई फैसला ना सुनाने का निर्देश दिया. साथ ही मस्जिद कमेटी को हाई कोर्ट में जाने के लिए कहा.