हाथरस के बागला मार्ग स्थित गोपेश्वर महादेव मंदिर शहर के प्रमुख शिवालयों में से एक है। यह मंदिर सैकड़ों वर्षों से श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र बना हुआ है। सावन के सोमवार को यहां भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है
मंदिर में मान्यता है कि जो भक्त लगातार 21 सोमवार तक भगवान शिव का दुग्धाभिषेक करता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. इसी कारण हर सोमवार को यहां श्रद्धालुओं की लंबी कतारें देखी जाती हैं.
सावन के महीने में मंदिर परिसर मेले जैसा दृश्य प्रस्तुत करता है. हजारों भक्त यहां भगवान शिव के दर्शन के लिए पहुंचते हैं और विधिवत पूजा-अर्चना करते हैं.
बताते हैं कि यहां प्रतिष्ठित शिवलिंग को नर्मदा नदी से लाया गया था. यह शिवलिंग नर्मदेश्वर रूप में पूजित है और इसकी ऊंचाई लगभग 6.5 फीट है.
यह प्राचीन मंदिर लगभग 160 साल पुराना है और इसका निर्माण हाथरस के सेठ गोपीनाथ गुड़िहा ने कराया था. यह मंदिर धार्मिक व ऐतिहासिक महत्व रखता है.
मान्यता है कि इस शिवलिंग को एक बार स्थानांतरित किया गया था, लेकिन एक कश्मीरी व्यक्ति को स्वप्न आया कि इसे सेठ गोपीनाथ गुड़िहा की सेवा में वापस लाया जाए. तभी से यह पुनः स्थापित कर दिया गया.
हर साल महाशिवरात्रि पर इस मंदिर में भव्य धार्मिक अनुष्ठान किए जाते हैं. रात के चारों प्रहर में विशेष अभिषेक और श्रृंगार किया जाता है, जिसमें हजारों श्रद्धालु भाग लेते हैं.
यहां बताई गई सारी बातें धार्मिक मान्यताओं पर आधारित हैं. इसकी विषय सामग्री और एआई द्वारा काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.