Aligarh ka achal Taal: आस्था का प्रतीक अलीगढ़ का ऐतिहासिक अचल ताल महाभारत से जुड़ा हुआ है. ऐसा कहा जाता है कि यहां के अचल ताल में महाभारत के नकुल और सहदेव ने स्नान किया था.
अलीगढ़ शहर ताला और तहजीब का जिला है. यहां पर बहुत ही ऐसी जगहें है जिनका संबंध ऐतिहासिक है.
ऐसा ही एक बीच शहर में बने अचल ताल का इतिहास. ये अपनी सुंदरता और ऐतिहासिक हिस्ट्री के कारण जाना जाता है.
अचल ताल करीब 5000 साल से ज्यादा पुराना है. लेकिन इसका उल्लेख महाभारत में भी पढ़ने को मिलता है.
ऐसा कहा जाता है कि महाभारत काल के दौरान यहां दो पांडवों नकुल और सहदेव ने शिवरात्रि के समय स्नान किया था.
उस समय इसका जल इतना शुद्ध था की जो कोई व्यक्ति भी इसमें स्नान करता था तो उसको त्वचा संबंधित रोगों से मुक्ति मिल जाती थी.
किवदंती के अनुसार मुगल काल में भी इसकी महत्ता मानी गई थी.
अचल सरोवर के ठीक बीचों बीच में गुमटी पर 20 फुट ऊंची शिव प्रतिमा स्थापित है. इसके चारों ओर फव्वारे हैं.
510 मीटर का एलिवेटर परिक्रमा मार्ग, आरती घाट, और बैठने की जगहें जिससे लोग यहां बैठकर आनंद ले सकें.
शिव प्रतिमा के चारों ओर पानी है जो बहुत ही सुंदर लगता है. पानी में मछली और जलीय जीव भी हैं. बेहतर वातावरण देने के लिए एयरवेटर हैं.
रामलीला के समय यहां की सुंदरता देखते ही बनती है. यहां पर सरयू पार की लीला की जाती है. मेले जैसा माहौल होता है.