Uniform Civil Code: उत्तराखंड में बहुचर्चित कानून यूनिफॉर्म सिविल कोड 27 जनवरी से लागू हो गया है. सीएम धामी ने यूसीसी पोर्टल लॉन्च कर दिया है. इसके लागू होते ही बहुत सारी चीजें बदल गई हैं. इसी के साथ समान नागरिक संहिता लागू करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन गया है.
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Uttarakhand UCC News/राम अनुज: उत्तराखंड में ढाई साल की तैयारियों के बाद आज समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू हो गया है.मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को मुख्य सेवक सदन में यूसीसी के पोर्टल और नियमावली का लोकार्पण किया. UCC के लिए विकसित ऑनलाइन पोर्टल की मॉक ड्रिल सफलतापूर्वक संपन्न हुई थी. इसी के साथ राज्य में बहुत कुछ बदल जाएगा. समान नागरिक संहिता लागू करने के साथ ही उत्तराखंड स्वतंत्रता के बाद ऐसा करने वाला पहला राज्य बन गया है. इससे पहले गृह सचिव की ओर से शनिवार को इसके संबंध में पत्र भी जारी कर दिया गया था.
इस मौके पर सीएम धामी ने कहा-
सीएम धामी ने यूसीसी की नियमावली जारी की. यूसीसी बाबा साहेब को बड़ी श्रद्धांजलि है. उन्होंने गृहमंत्री अमित शाह का आभार जताया. सीएम ने कहा- इससे समानता स्थापित होगी. ये देश के लिए आधार बनेगा. UCC से महिलाएं सशक्त होंगी. उन्होंने कहा कि UCC लागू होने पर मैं भावुक हूं. सभी धर्म के लोगों को समान अधिकार होना चाहिए. सभी धर्म की महिलाओं को समान अधिकार मिला. सीएम धामी ने कहा कि UCC का संकल्प हमने पूरा कर दिया. UCC से केवल कुप्रथा दूर की गई. सभी धर्म के लोग अपनी रीति से विवाह करें. संपत्ति के बंटवारे को लेकर कानून है. बेटी को समान अधिकार मिलेगा और किसी तरह का भेद नहीं किया जाएगा. लिव इन रिलेशनशिप मे ंपैदा हुए बच्चों को उनका हक मिलेगा. तलाक के नियम एक समान होंगे. एसटी समाज को इससे दूर रखा गया है. सीएम धामी ने कहा कि यूसीसी से समानता लागू होगी. सभी वर्गों के सुझाव से यूसीसी बना. समान नागरिक संहिता दिवस के रूप में हर साल 27 जनवरी को मनाया जाएगा.
1- हलाला जैसी प्रथा होगी बंद
यूसीसी लागू होने के बाद राज्य में हलाला जैसी प्रथा बंद हो जाएगी. बहुविवाह पर रोक होगी.
2-लड़कों के बराबर ही विरासत का अधिकार
बिल में लड़कियों को भी लड़कों के बराबर ही विरासत का अधिकार देने का प्रस्ताव है. अभी तक कई धर्मों के पर्सनल लॉ में लड़कों और लड़कियों समान विरासत का अधिकार नहीं है.
3-शादी का रजिस्ट्रेशन ज़रूरी
बिल में शादी का रजिस्ट्रेशन ज़रूरी है. इसके साथ ही शादी का रजिस्ट्रेशन नहीं कराने पर सरकारी सुविधाएं नहीं देने का प्रस्ताव भी रखा गया है.विवाह और तलाक का पंजीकरण अनिवार्य, पंजीकरण न कराने पर 25,000 रुपये जुर्माना.
4-15 दिन में निर्णय नहीं तो पंजीकृत माना जाएगा विवाह
यूसीसी में विवाह का पंजीकरण अनिवार्य किया गया है.इसके लिए विवाह का पंजीकरण छह माह के भीतर करना होगा. विवाह का पंजीकरण करने के लिए किए गए आवेदन पर कानूनी स्वीकृति न मिलने पर विवाह का आवेदन स्वीकृत माना जाएगा.
5- सशस्त्र बलों के लिए विशेष व्यवस्था
यूसीसी में सशस्त्र बलों के लिए विशेष व्यवस्था की गई है. इसके अंतर्गत यदि कोई सैनिक, वायुसैनिक या नौसैनिक विशेष अभियान में है, तो वह विशेषाधिकार वाली वसीयत कर सकता है. शर्त यह रहेगी कि इसकी पुष्टि होनी जरूरी है कि वह हस्तलेख सैनिक का ही है.
6-लिव-इन रिलेशनशिप के लिये रजिस्ट्रेशन
समान नागरिक संहिता बिल में लिव-इन रिलेशनशिप के लिये रजिस्ट्रेशन ज़रूरी है. कानूनी विशेषज्ञों का दावा है कि ऐसे रिश्तों के पंजीकरण से पुरुषों और महिलाओं दोनों को फायदा होगा. इस दौरान पैदा होने वाले बच्चे को भी शादीशुदा जोड़े के बच्चे की तरह अधिकार मिलेगा. यूसीसी के नियम-कानून से अनुसूचित जनजाति को बाहर रखा गया है. ट्रांसजेंडर, पूजा-पद्धति व परंपराओं में भी कोई बदलाव नहीं किया गया है.
7- महिला अधिकारों पर केंद्रित
UCC विधेयक महिला अधिकारों पर केंद्रित है. इसमें बहु-विवाह पर रोक का प्रावधान है. लड़कियों की शादी की उम्र 18 साल से बढ़ाने का प्रावधान है.
8-बच्चा गोद लेने की प्रक्रिया आसान
बिल में बच्चा गोद लेने की प्रक्रिया आसान होगी. मुस्लिम महिलाओं को भी बच्चा गोद लेने का अधिकार देने का प्रस्ताव बिल में है.
9-जैविक संतान के समान अधिकार
नाजायज और गोद लिए बच्चों को जैविक संतान के समान अधिकार.लिव-इन में रहने वालों के बच्चों को जायज माना जाएगा. सभी धर्मों में बच्चों को गोद लेने का अधिकार मिलेगा. हालांकि, दूसरे धर्म के बच्चे को गोद नहीं लिया जा सकेगा.
10-विशेष प्रावधान
तलाक या घरेलू झगड़ों में पांच वर्ष तक के बच्चे की कस्टडी मां के पास रहेगी.लड़कियों की शादी की उम्र चाहे वह किसी भी जाति-धर्म की हो, एक समान होगी.
UCC का सफर
12 फरवरी 2022 को विधानसभा चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री धामी ने UCC लागू करने का वादा किया.
मई 2022 में सुप्रीम कोर्ट की पूर्व न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में विशेषज्ञ समिति गठित की गई.
2 फरवरी 2024 को समिति ने सरकार को ड्राफ्ट रिपोर्ट सौंपी.
8 मार्च 2024 को विधानसभा में UCC विधेयक पारित हुआ और 12 मार्च 2024 को राष्ट्रपति की मंजूरी मिली.
अंतरराष्ट्रीय अध्ययन
सऊदी अरब, तुर्किये, इंडोनेशिया, नेपाल, फ्रांस, जर्मनी, जापान, और कनाडा जैसे देशों की UCC का अध्ययन किया गया.