Uttarakhand Temple: तिरुपति मंदिर प्रसाद विवाद के बाद केदारनाथ-बद्रीनाथ भी सतर्क, नमूना इकट्ठाकर की जाएगी जांच
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Uttarakhand Temple: तिरुपति मंदिर प्रसाद विवाद के बाद केदारनाथ-बद्रीनाथ भी सतर्क, नमूना इकट्ठाकर की जाएगी जांच

Uttarakhand Temple: उत्तराखंड सरकार ने चारधाम के साथ ही अन्य प्रमुख मंदिरों में प्रसाद की सैंपलिंग के निर्देश दिए हैं ताकि प्रसाद की शुद्धता को सुनिश्चित किया जा सके.

Uttarakhand Temple

Uttarakhand Temple: तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद से जुड़े विवाद की आग उत्तराखंड में भी पहुंच गई है. विवाद के तूल पकड़ने के साथ ही उत्तराखंड सरकार भी अलर्ट मोड में आ गई है. सरकार ने आदेश किया है कि प्रदेश के सभी बड़े मंदिरों के प्रसाद की शुद्धता को सुनिश्चित करने के लिए सैंपलिंग जांच किया जाए.  उत्तराखंड सरकार ने चारधाम के साथ ही अन्य जो भी प्रमुख मंदिर है वहां के प्रसाद की सैंपलिंग के भी सरकार द्वारा निर्देश जारी किए गए हैं. यह कदम मंदिरों में प्रसाद की शुद्धता को बरकरार रखने के लिए व भक्तों की आस्था को सुरक्षा देने के लिए उठाया जा रहा है. 

प्रदेश के प्रमुख मंदिरों में जांच
उत्तराखंड के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने इस संबंध में कहा है कि राज्य के प्रमुख मंदिरों यानी केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री से लेकर यमुनोत्री और अन्य मंदिरों में प्रसाद की सैंपलिंग होगी. इस बात को तय किया जाएगा कि मंदिरों में बंटे जा रहे प्रसाद पूरी तरह से शुद्ध हों और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार हो.

धार्मिक स्थलों पर शुद्धता की महत्ता
उत्तराखंड के चारधाम- केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री आस्था का प्रमुख केंद्र हैं.लाखों की संख्या में भक्त हर साल यहां दर्शन करने पहुंचते हैं और पूजा-अर्चना करने आते हैं. इन मंदिरों में प्रसाद का भी विशेष महत्व है ऐसे में प्रसाद की शुद्धता सुनिश्चित करना सरकार के लिए प्राथमिकता पर है. 

भविष्य के विवाद से बचने का रास्ता 
इस दिशा में कदम उठाते हुए मंदिरों के प्रसाद की सैंपलिंग की जाएगी जिसके लिए विशेष टीमों का गठन भी किया जाएगा जो सैंपल इकट्ठा करेंगी. इस प्रक्रिया में प्रसाद की सामग्री, के साथ हीउसकी गुणवत्ता और धार्मिक नियमों के पालन पर गौर किया जाएगा. इसके लिए प्रसाद के निर्माण में प्रयुक्त सामग्री की पूरी पूरी पारदर्शिता तय की जाएगी जिसके लिए मंदिर प्रशासन को निर्देशित किया जाएगा. प्रसाद में कोई मिलावट या अनचाही सामग्री न मिले इसके लिए प्रसाद बनाने की प्रक्रिया की निगरानी होगी. उत्तराखंड सरकार ने तिरुपति बालाजी मंदिर के विवाद के बाद सतर्कता बरतते हुए यह कदम उठाया है ताकि आने वाले समय में संभावित विवादों से बचा जा सके. 

 विश्व प्रसिद्ध तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद का विवाद
आपको बता दें कि पिछले दिनों आंध्र प्रदेश के विश्व प्रसिद्ध तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया. प्रसाद में फिश ऑयल जैसी सामग्री मिलने से भक्तों की आस्था को गहरा आघात पहुंचा व अलग अलग राज्यों की सरकारें इस मुद्दे को लेकर अब सतर्क हो गईं हैं. इसी संदर्भ में उत्तराखंड सरकार ने राज्य के प्रमुख मंदिरों में भी प्रसाद की गुणवत्ता की जांच करने के निर्देश जारी किए हैं.

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