आर्थिक संकट से जुझ रहे उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने बिजली दरों को लेकर जनता के एक प्रस्ताव को विद्युत नियामक आयोग को सौंपा है.
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लखनऊ: कोरोना की वजह से पैदा हुई परिस्थितियों और महंगाई की वजह से आम लोगों की कमर टूट चुकी है, ऐसे में अब उत्तर प्रदेश में भी बिजली की दरों को कम करने की मांग उठने लगी है. आर्थिक संकट से जूझ रहे उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने बिजली दरों को लेकर जनता के एक प्रस्ताव को विद्युत नियामक आयोग को सौंपा है. वहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी इस पर विचार करने की मांग की है.
उपभोक्ता परिषद की ओर से भेजे गए प्रस्ताव में कहा गया है कि कोरोना महामारी के मद्देनजर कई राज्यों में बिजली की दरों में कमी की गई है, ऐसे में UP में भी दरों को कमी करने की आवश्यकता है. उपभोक्ता परिषद ने लोगों की राय लेकर बिजली दरों का एक प्रस्ताव भी आयोग को सौंपा है और विद्युत नियामक आयोग से इस पर जल्द फैसला लेने की बात कही है.
उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा के मुताबिक घरेलू उपभोक्ताओं का फिक्स चार्ज और कॉमर्शियल उपभोक्ताओं का मिनिमम चार्ज हटाकर राहत दी जा सकती है. वहीं, जनहित प्रस्ताव पर आयोग के चेयरमैन ने भी विचार करने का आश्वासन दिया है.
प्रियंका गांधी ने किया बिजली दरों को कम करने का समर्थन
वहीं, इस मामले में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने उपभोक्ता परिषद की बिजली दरें कम करने की मांग का समर्थन किया है. उन्होंने कहा कि उपभोक्ता परिषद की मांग पर सरकार विचार करे. उन्होंने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश में बिजली की दरें कम्पनियों के फायदे के लिए बढ़ाई गईं हैं. उन्होंने कहा कि उपभोक्ता परिषद की तरफ से घरेलू फिक्स्ड चार्ज व कॉमर्शियल न्यूनतम चार्ज खत्म करने व किसानों के लिए बिजली दरों में कमी किए जाने की मांग एकदम जायज है. सरकार को इस पर विचार करना चाहिए.
बिजली उपभोक्ताओं पर इन राज्यों ने दिखाई दरियादिली
महाराष्ट्र, हरियाणा, उत्तराखंड, बिहार, पंजाब की सरकारों ने बिजली उपभोक्ताओं पर दरियादिली भी दिखाई है, इन्होंने कोरोना काल के चलते बिजली के दामों में कटौती की है. जबकि दिल्ली, गुजरात ऐसे हैं जिन्होंने रेट नहीं बढ़ाया है.
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