Greater Noida phase 2 master plan: मास्टर प्लान-2041 ग्रेटर नोएडा फेज-2 के साथ शहर के विकास को नई गति देगा. व्यापार और परिवहन पर जोर दिया जाएगा. मास्टर प्लान को मंजूरी मिलने के बाद अब आगे की प्रक्रिया शुरू की जाएगी.जल्द ही ग्रेटर नोएडा एयरपोर्ट के साथ एक ‘स्मार्ट और ग्रीन सिटी’ के रूप में उभरेगा, जहाँ निवेशकों और आम नागरिकों के लिए नए अवसर खुलेंगे.
ग्रेटर नोएडा को जल्द ही विकास की एक नई सौगात मिलने वाली है. इससे दिल्ली-एनसीआर के इस शहर की खूबसूरती में चार चांद लग जाएंगे. हालिया सालों में आसमान छूती इमारतें, आवगमन के लिए चौड़ी सड़कें, मशहूर ब्रांड के आउटलेट, फैक्ट्रियां, देश का फॉर्मूला वन ट्रैक और वर्ल्ड क्लास सुविधाओं से लैस स्पोर्टस स्टेडियम नोएडा को आधुनिक शहरों के श्रेणी में ला खड़ा किया है.
ग्रेटर नोएडा फेज-2 में विकास के लिए कई परियोजनाएं शुरू की जाएंगी, जिनमें सड़कें, बुनियादी सुविधाएं और अन्य आवश्यक सेवाएं शामिल हैं. यहां पर निवासियों के लिए आवासीय परियोजनाएं विकसित की जाएंगी. इस योजना से स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे और क्षेत्र का विकास होगा.
ग्रेटर नोएडा के विकास को नई दिशा मिलेगी. मेट्रो एक्सटेंशन: सेक्टर-51 से नॉलेज पार्क-5 और एयरपोर्ट तक विस्तार प्रस्तावित.सीएनजी-ई-रिक्शा, इलेक्ट्रिक बसें, हाइब्रिड टैक्सियाँ शुरू करने की योजना है.इंडस्ट्रियल ज़ोन बनेगा.नए रेजिडेंशियल और कमर्शियल प्रोजेक्ट्स पर काम होगा. ग्रेटर नोएडा को एक ‘स्मार्ट सिटी’ के रूप में तैयार किया जाएगा।
मास्टर प्लान-2041 के तहत ग्रेटर नोएडा को नोएडा एयरपोर्ट का आधिकारिक गेटवे घोषित किया गया है, जिससे यह वैश्विक निवेशकों और यात्रियों के लिए पहली पसंद बनेगा.रेलवे, मेट्रो और रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) से शानदार कनेक्टिविटी होगी.
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के मास्टर प्लान-2041 को शासन से मंजूरी के बाद इसकी राह आसान हो गई है. शहर के विस्तार के तहत 33,715.22 हेक्टेयर में फेज-2 बसेगा. वर्तमान शहर की तुलना में यह करीब डेढ़ गुना ज्यादा क्षेत्र में बसेगा.
ग्रेटर नोएडा फेज-2 में गौतमबुद्ध नगर, बुलंदशहर, हापुड़ और गाजियाबाद के कुल 140 गांव शामिल हैं. फेज-1 में गांवों की संख्या 117 है. मास्टर प्लान-2041 में नए गांव जुड़ने से संख्या 257 हो गई.
साल 2041 तक शहर की आबादी 40 लाख तक पहुंच सकती है. ऐसे में रहने के लिए आवास की मांग बढ़ेगी. आबादी बढ़ेगी तो रोजगार की भी व्यवस्था करनी होगी. इसको देखते हुए ही नए शहर में उद्योगों के लिए सबसे अधिक जमीन आरक्षित की गई है.
परिवहन की सुविधाएं बढ़ाने के लिए दादरी क्षेत्र में प्रस्तावित मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब (एमएमटीएच), मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक हब (MMLH), बोड़ाकी तक मेट्रो का विस्तार होगा. यह नया हब भविष्य में मेरठ, खुर्जा और हापुड़ की कनेक्टिविटी को बेहतर बनाएगा.
ग्रेटर नोएडा के मास्टर प्लान के अनुसार 2041 तक यहाँ की जनसंख्या 40 लाख तक पहुँचने की उम्मीद है. इस बढ़ती आबादी को ध्यान में रखते हुए मेट्रो, बस और ई-रिक्शा नेटवर्क का विस्तार किया जाएगा.
बोड़ाकी के पास रेलवे ओवरब्रिज का काम चल रहा है. इसके साथ ही यमुना एक्सप्रेसवे, ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे, गंगा एक्सप्रेसवे सहित आसपास से गुजरने वाले अन्य एक्सप्रेसवे से जोड़ने का काम किया जाएगा.
सड़कों का जाल बिछाकर ट्रैफिक व्यवस्था को बेहतर बनाया जाएगा. परिवहन के लिए 7380.56 हेक्टेयर जमीन आरक्षित की गई है, जो कुल क्षेत्रफल का 13.2 फीसदी है. मास्टर प्लान-2041 ग्रेटर नोएडा फेज-2 के साथ शहर के विकास को नई गति देगा. ग्रेटर नोएडा में रहने वाले यात्रियों के लिए बेहतर लोकल ट्रांसपोर्ट सुविधा होगी.
दादरी क्षेत्र में प्रस्तावित मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब, मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक हब, बोड़ाकी तक मेट्रो का विस्तार किया जाएगा. 130 मीटर चौड़ी सड़क को नोएडा एयरपोर्ट से जोड़ने, परी चौक से लेकर हापुड़ तक 105 चौड़ी सड़क का निर्माण किया जाएगा. अभी यह सड़क ग्रेटर नोएडा के जुनपत गांव तक बनी है. यातायात जाम से राहत मिलेगी.
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