नोएडा एयरपोर्ट के दूसरे चरण के लिए भूमि अधिग्रहण का काम करीबन पूरा हो गया है. इसके लिए हजारों किसानों को करोड़ों रुपये का मुआवजा बांटा गया है.
किसानों से भूमि अधिग्रहण के दौरान आपत्तियों का समाधान किया जाएगा, और आवश्यकता के अनुसार आगे की प्रक्रिया शुरू की जाएगी.
दूसरे चरण के लिए अधिग्रहीत 1365 हेक्टेयर जमीन के लिए 3689 करोड़ रुपये का मुआवजा किसानों को वितरित किया जा चुका है, और लगभग 93% मुआवजा वितरण किया जा चुका है.
नोएडा एयरपोर्ट परिसर के 365 हेक्टेयर क्षेत्र में एविएशन इंडस्ट्री को विकसित किया जाएगा, जिससे विमानन क्षेत्र को और अधिक मजबूती मिलेगी.
एयरपोर्ट के दूसरे चरण में 500 एकड़ में दूसरा रनवे बनाए जाने की योजना है, जिससे विमान संचालन को और सुलभ बनाया जा सके.
500 हेक्टेयर क्षेत्र में विमान मरम्मत के लिए हैंगर तैयार किया जाएगा, जिसमें 60 से अधिक बड़े विमान एक साथ खड़े हो सकेंगे.
365 हेक्टेयर भूमि पर विमानों के रखरखाव, मरम्मत और ओवरहाल (MRO) की सुविधा विकसित की जाएगी, जिससे विमानन कंपनियों को बेहतर सेवाएं मिल सकेंगी.
एयरपोर्ट पर 6 रनवे और अन्य ट्रांसपोर्ट सुविधाओं, जैसे अंडरग्राउंड ट्रेन, रैपिड रेल, नमो भारत जैसी परियोजनाओं के तहत नए ट्रांसपोर्ट हब की योजना है.
दूसरे चरण में 1000 हेक्टेयर क्षेत्र में रनवे और हैंगर का निर्माण किया जाएगा, जिससे एयरपोर्ट की क्षमता बढ़ेगी.
365 हेक्टेयर भूमि में एक विशाल एमआरओ (Maintenance, Repair and Overhaul) हब स्थापित किया जाएगा, जिससे भारत को विमानन सेवाओं में आत्मनिर्भर बनाने में मदद मिलेगी.
दूसरे चरण में सात गांवों के 1089 किसान परिवारों को विस्थापित किया जाएगा, जिनके लिए भूमि अधिग्रहण और पुनर्वास की योजना बनाई गई है.
इस परियोजना के तहत स्थानीय क्षेत्र में विकास कार्य किए जाएंगे, जिससे रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी.
इस परियोजना के पूरा होने के बाद, नोएडा एयरपोर्ट न केवल राष्ट्रीय बल्कि अंतरराष्ट्रीय विमानन व्यापार में भी एक महत्वपूर्ण केंद्र बन जाएगा, जिससे भारतीय विमानन उद्योग को वैश्विक स्तर पर एक नया मुकाम मिलेगा.
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