Noida international Airport: भले ही अभी नोएडा के जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट की उड़ान के लिए अभी समय पर इसकी सुरक्षा को लेकर अभी से तैयारी हो गई है. अगले महीने से सीआईएसएफ जेवर एयरपोर्ट की सुरक्षा संभालेगी.
जेवर में तैयार हो रहे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से उड़ान के लिए अभी थोड़ा इंतजार करना होगा. हवाई उड़ान से पहले एयरपोर्ट की सुरक्षा के लिए पूरी तैयारी की जा रही है. अगले महीने से सीआईएसएफ जेवर एयरपोर्ट की सुरक्षा संभालेगी. जानें और क्या हैं तैयारी..
नोएडा के जेवर में बन रहे एशिया के सबसे बड़े हवाई अड्डे से कब से नियमित उड़ानें शुरू होने से पहले सुरक्षा को लेकर अभी से कमर कस ली गई है. अगले महीने से सीआईएसएफ के 1047 जवान जेवर एयरपोर्ट की सुरक्षा को संभालेगी.
एयरपोर्ट की सुरक्षा को तीन स्तरों में विभाजित किया गया है. सीआईएसएफ, निजी सुरक्षा और पुलिस बल. ये त्रिस्तरीय सुरक्षा लोगों और जेवर एयरपोर्ट को किसी भी वाह्य या आंतरिक सुरक्षा जरूरतों को पूरा करने के लिए काफी होगी.
बता दें कि एयरपोर्ट से फ्लाइट शुरू होने में अभी लोगों को थोड़ा और इंतजार करना होगा. पहले तय था कि फ्लाइट दिसंबर 2024 में उड़ेगी. फिर यह सीमा बढ़ाकर अप्रैल 2025 कर दी गई है.
जानकारों की मानें तो फ्लाइट 2025 के अंत तक ही शुरू हो पाएगी, और इससे पहले सुरक्षा पुख्ता करने की कवायद तेज हो चुकी है. एयरपोर्ट उपकरणों की जांच के लिए सितंबर व अक्टूबर में इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम की जांच होगी जबकि दिसंबर में वैलिडेशन और टेस्ट फ्लाइट के बाद एयरोड्रोम लाइसेंस के लिए आवेदन होगा. पूरा प्रोसेस के बाद ही आगे की स्थिति तय होगी.
अगले महीने यानी मार्च के पहले हफ्ते से 1030 सीआईएसएफ जवानों की तैनाती की जाएगी. ये जवान सुरक्षा के प्रथम घेरे में रहेंगे. दूसरे और तीसरे स्तर पर निजी सुरक्षा और उत्तर प्रदेश पुलिस की तैनाती रहेगी.
नोएडा पुलिस के 12 इंस्पेक्टर और 119 पुलिसकर्मियों भी सुरक्षा व्यवस्था में शामिल किए गए हैं. सुरक्षा इंतजामों के मद्देनजर अन्य बातों के अलावा ये त्रिस्तरीय सुरक्षा बहुत जरूरी होती है. यहां की सुरक्षा चाक चौबंद होगी.
इस एयरपोर्ट को दिल्ली, लखनऊ और पश्चिमी उत्तर प्रदेश से सड़क मार्ग द्वारा जोड़ा जा रहा है. एयरपोर्ट को रेल नेटवर्क से जोड़ने की योजना पर भी काम चल रहा है. नोएडा एयरपोर्ट भारत का ही नहीं, बल्कि एशिया का सबसे बड़ा हवाई अड्डा बनने जा रहा है.
5000 हेक्टेयर में फैले इस एयरपोर्ट को दिल्ली और नवी मुंबई एयरपोर्ट की तुलना में कहीं अधिक विशाल और सुविधाजनक बनाया जा रहा है. सुरक्षा और बुनियादी ढांचे से जुड़े ये उपाय एयरपोर्ट को भारत के सबसे महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय हब के रूप में स्थापित करने में मदद करेंगे.
एयरपोर्ट की सुरक्षा की कमान संभालने वाले जवानों को दो श्रेणी में आवास मिलेंगे. अविवाहित जवानों के लिए छात्रावास की तरह सुविधा मौजूद रहेगी जबकि शादी-शुदा जवानों के परिवार को ध्यान में रखते हुए आवासीय सुविधा प्रदान की जाएगी. इससे जवानों को सुविधा होगी.
लेख में दी गई ये जानकारी सामान्य स्रोतों से इकट्ठा की गई है. इसकी प्रामाणिकता की पुष्टि स्वयं करें. एआई के काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.