Noida International Airport: नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को देश के सबसे बड़े एयरपोर्ट के तौर पर विकसित किया जा रहा है. भविष्य में यात्री क्षमता बढ़ाने के लिए रनवे की जरूरत होगी. देश का सबसे बड़ा एयरपोर्ट बनने तक इसकी यात्री क्षमता 29.5 करोड़ सालाना होगी.
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (NIA)जिसे जेवर एयरपोर्ट के रूप में भी जाना जाता है. इसकी जल्द आम यात्रियों के लिए शुरू होने की संभावना है। उम्मीद की जा रही है, यहां से अप्रैल 2025 में विमानों की उड़ान शुरू हो पाएगी.
आज हमारे पास एरोप्लेन और से लेकर एयरपोर्ट है. अब जल्द ही भारत के पास एक और एयरपोर्ट होगा, जो कुछ समय बाद शुरू कर दिया जाएगा. यहां हम नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (NIA) की बात कर रहे हैं, जिसे जेवर एयरपोर्ट के रूप में भी जाना जाता है. भारत के उत्तर प्रदेश में ग्रेटर नोएडा के जेवर में बनाया जा रहा एक ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट है.
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को देश के सबसे बड़े एयरपोर्ट के तौर पर विकसित किया जा रहा है. भविष्य में यात्री क्षमता बढ़ाने के लिए रनवे की जरूरत होगी. देश का सबसे बड़ा एयरपोर्ट बनने तक इसकी यात्री क्षमता 29.5 करोड़ सालाना होगी.
इन यात्रियों को संभालने के लिए एयरपोर्ट के सभी पांच रनवे बनाए जाएंगे.चौथे व पांचवें रनवे के निर्माण के लिए 2,054 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया जारी है.
14 गांव के 60 फीसदी किसानों की भूमि अधिग्रहण पर प्रशासन को सहमति मिल चुकी है. 70 प्रतिशत सहमति का आंकड़ा पूरा होते ही भूमि अधिग्रहण का रास्ता साफ हो जाएगा.
ऐसे में यमुना प्राधिकरण ने मास्टर प्लान 2041 में एविएशन हब को आरक्षित क्षेत्रफल 5 हजार हेक्टेयर से बढ़ाकर 6,200 हेक्टेयर कर दिया है. अभी 1,334 हेक्टेयर में एयरपोर्ट का निर्माण हो रहा है.
ये चार चरण में पूरा होगा. नोएडा एयरपोर्ट की शुरुआत में सालाना 1.2 करोड़ यात्रियों के लिए एक रनवे बनकर तैयार है. आने वाले समय में बाकी रनवे के लिए प्रक्रिया चल रही है.
यात्रियों की संख्या 2031 तक सालाना तीन करोड़ होने का अनुमान है. इन्हें संभालने के लिए दूसरा रनवे बनकर तैयार होगा. इस तरह दोनों रनवे के साथ एयरपोर्ट की यात्री क्षमता सात करोड़ सालाना हो जाएगी. साथ ही चारों चरण पूरे हो जाएंगे.
सालाना सात करोड़ से ज्यादा लोगों के बढ़ने पर एयरपोर्ट के विस्तार के दूसरे भाग का विकास शुरू होगा. इसके तहत चौथा व पांचवां रनवे बनेगा. पांचों रनवे बनने पर एयरपोर्ट की सालाना यात्री क्षमता 29.5 करोड़ हो जाएगी.
एविएशन हब का तीसरा रनवे मेंटेनेंस, रिपेयर और ओवरहालिंग (एमआरओ) के लिए होगा. इसके लिए 1,365 हे. भूमि अधिग्रहण का काम करीब पूरा है. तीसरे रनवे को दूसरे यात्री रनवे से पहले शुरू किया जाएगा, ताकि जेवर को एयरपोर्ट के साथ एविएशन इंडस्ट्री का हब बनाया जा सके.तीसरा रन-वे 1365 हेक्टेयर में, चौथा रन-वे 1318 हेक्टेयर और पाँचवा रन-वे 735 हेक्टेयर में बनाया जाएगा.
इस एयरपोर्ट के शुरू होने के बाद इंदिरा गांधी इंटरनेशन एयरपोर्ट (ICI) पर भीड़भाड़ से राहत दिलाने में मदद करेगा. इसी के साथ-साथ दिल्ली और आगरा के बीच तेजी से विकसित हो रहे औद्योगिक क्षेत्र को भी मदद मिलेगी.
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