नोएडा में बन रहे जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट को जोड़ने के लिए तेजी से इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित किया जा रहा है. प्रशासन अब इसे एक और नेशनल हाईवे (NH-34) से जोड़ने की योजना बना रहा है, जिससे दिल्ली-एनसीआर और पश्चिमी यूपी के जिलों से एयरपोर्ट तक पहुंचना आसान होगा.
जेवर एयरपोर्ट पहले से ही गंगा और यमुना एक्सप्रेसवे से जुड़ा हुआ है, जिससे इसकी कनेक्टिविटी पहले ही मजबूत हो चुकी है. अब सरकार NH-34 को भी एयरपोर्ट से जोड़ने के लिए सक्रिय हो गई है, जिससे यात्रियों के साथ-साथ लॉजिस्टिक्स को भी फायदा होगा.
इस नए हाईवे के बन जाने से दिल्ली, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जिलों से नोएडा एयरपोर्ट तक सीधी कनेक्टिविटी मिलेगी. इससे व्यापार, पर्यटन और लॉजिस्टिक्स सेक्टर को भी बढ़ावा मिलेगा.
एयरपोर्ट की कनेक्टिविटी को और बेहतर बनाने के लिए दिल्ली मेट्रो के विस्तार की भी योजना बनाई जा रही है. इसके पूरा होते ही यात्री आसानी से दिल्ली, गुरुग्राम, नोएडा और गाजियाबाद से सीधे एयरपोर्ट पहुंच सकेंगे.
इस हाईवे और मेट्रो के बनने से जेवर एयरपोर्ट तक यात्रा का समय कम होगा और लोग ट्रैफिक की समस्या से बचकर आरामदायक सफर कर सकेंगे. खासकर बिजनेस ट्रैवलर्स और अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को इसका सबसे अधिक फायदा होगा.
एयरपोर्ट को नए हाईवे से जोड़ने से कार्गो ट्रांसपोर्टेशन भी आसान हो जाएगा. उत्तराखंड से लेकर मध्य प्रदेश तक माल ढुलाई तेज होगी, जिससे व्यापारियों और इंडस्ट्री को बड़ा लाभ मिलेगा.
इस हाईवे के निर्माण से गाजियाबाद, नोएडा, बुलंदशहर और अलीगढ़ समेत पश्चिमी यूपी के कई जिलों को सीधी कनेक्टिविटी मिलेगी. इससे लोगों को एयरपोर्ट तक पहुंचने के लिए लंबा सफर तय नहीं करना पड़ेगा.
इस परियोजना को लेकर NHAI (राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) और नोएडा प्रशासन के बीच पहली बैठक हो चुकी है. योजना को जल्द ही अंतिम रूप दिया जाएगा और फिर हाईवे निर्माण की प्रक्रिया शुरू होगी.
इस हाईवे और मेट्रो कनेक्टिविटी के बाद नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट ट्रांसपोर्ट और बिजनेस हब के रूप में उभरेगा. इससे क्षेत्र में निवेश बढ़ेगा, नए रोजगार के अवसर बनेंगे और पश्चिमी यूपी का विकास तेज होगा.
लेख में दी गई ये जानकारी सामान्य स्रोतों से इकट्ठा की गई है. इसकी प्रामाणिकता की जिम्मेदारी हमारी नहीं है.एआई के काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.