Greater Noida Farmers Protest: ग्रेटर नोएडा में किसान महापंचायत, राकेश टिकैत की अगुवाई में किसानों ने रख दीं पांच बड़ी मांगें
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Greater Noida Farmers Protest: ग्रेटर नोएडा में किसान महापंचायत, राकेश टिकैत की अगुवाई में किसानों ने रख दीं पांच बड़ी मांगें

Farmers Protest: संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर किसान महापंचायत आयोजित हुई. राकेश टिकैत समेत कई वरिष्ठ किसान नेताओं और हजारों किसानों ने हिस्सा लिया. महापंचायत में 5 सूत्रीय मांगें रखी गई.

 

Farmers Protest,Greater Noida

Farmers Protest: सोमवार को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में किसान महापंचायत का आयोजन किया गया. इस महापंचायत में भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत, वरिष्ठ किसान नेता हन्नान मौला और अन्य प्रमुख नेताओं के साथ हजारों किसान शामिल हुए. 

किसान सुबह सिटी पार्क में इकट्ठा हुए और पैदल मार्च करते हुए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पहुंचे. महापंचायत में भारी संख्या में महिलाएं भी मौजूद थीं. किसानों ने 5 सूत्रीय मांगें रखीं, जिनमें पुराने भूमि अधिग्रहण कानून के तहत प्रभावित किसानों को 10% प्लॉट और 64.7% बढ़ा हुआ मुआवजा, 2014 के बाद अधिग्रहित भूमि पर चार गुना मुआवजा, सभी किसानों के बच्चों को रोजगार और पुनर्वास लाभ, हाई पावर कमेटी की सिफारिशों पर सरकारी आदेश जारी करना और आबादी क्षेत्र का उचित निस्तारण शामिल है.

अनिश्चितकालीन महापड़ाव
किसान नेताओं ने घोषणा की कि यह महापंचायत अब अनिश्चितकालीन महापड़ाव में बदलेगी. आंदोलन 27 नवंबर तक ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर रहेगा. 28 नवंबर से 1 दिसंबर तक यमुना प्राधिकरण पर जारी रहेगा और अंतिम चरण में 2 दिसंबर को संसद सत्र के दौरान दिल्ली कूच किया जाएगा.

प्रशासन और पुलिस की तैयारी
महापंचायत को लेकर प्रशासन पहले से सतर्क था. डीसीपी सेंट्रल नोएडा शक्ति अवस्थी ने बताया कि 700 से अधिक पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं. वहीं, किसानों के खिलाफ किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं.

किसान नेताओं की प्रतिक्रिया
राकेश टिकैत ने कहा कि प्राधिकरण किसानों की समस्याओं को नजरअंदाज कर रहा है. उन्होंने किसानों से लंबे समय तक डटे रहने की अपील की. उनका कहना है कि जब तक प्रशासन और सरकार उनकी मांगें नहीं मानती, आंदोलन जारी रहेगा. 

आधा दर्जन से ज्यादा किसान संगठन महापंचायत के आयोजन के लिए गांव-गांव जाकर लोगों को जुटाने में लगे थे. संगठन का मानना है कि यह आंदोलन अब निर्णायक मोड़ पर है.

पुलिस का बयान
डीसीपी शक्ति अवस्थी ने बताया कि स्थिति नियंत्रण में है और किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं.

किसान आंदोलन की मांगें
पुराने भूमि अधिग्रहण कानून के तहत प्रभावित किसानों को 10% प्लॉट और 64.7% बढ़ा हुआ मुआवजा
जनवरी 2014 के बाद अधिग्रहित भूमि पर चार गुना मुआवजा और 20% प्लॉट 
भूमिधर और भूमिहीन किसानों के बच्चों को रोजगार और पुनर्वास लाभ 
हाई पावर कमेटी की सिफारिशों पर सरकारी आदेश जारी किया जाए 
आबादी क्षेत्र का उचित निस्तारण 

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