Air Pollution in UP: दिल्ली एनसीआर के अलावा यूपी के कई जिलों को वायु प्रदूषण ने अपनी चपेट में ले लिया है. ताज नगरी आगरा में एक्यूआई का स्तर तीन सौ पार कर गया है. महिलाओं, बच्चों और बुजुर्ग को घर में ही रहने को कहा गया है.
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UP School Closed: यूपी में अचानक मौसम बदलने से ठंड शुरू हो गई है. वहीं, दिल्ली एनसीआर में वायु प्रदूषण का स्तर खराब श्रेणी में पहुंच गया है. एनसीआर में गाजियाबाद और नोएडा समेत मेरठ में वायु प्रदूषण गुणवत्ता चार सौ पार कर गया है. ऐसे में दिल्ली की तरह ही गाजियाबाद और नोएडा में भी 12वीं तक स्कूल ऑनलाइन संचालित हो सकती हैं. दफ्तरों में वर्क फ्रॉम होम की व्यवस्था शुरू हो सकती है. दिल्ली-एनसीआर में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) का चौथे चरण आज सुबह से लागू हो गया.
गाजियाबाद-नोएडा की हवा सबसे खराब
गाजियाबाद और नोएडा की हवा जहरीली हो गई है. साफ शब्दों में कहें तो यह कि इन दोनों शहरों में वायु प्रदूषण गुणवत्ता सूचकांक खतरनाक स्तर पर पहुंच है. गाजियाबाद में सोमवार यानी 18 नवंबर को AQI 400 पार कर गया. यहां एक्यूआई 455 दर्ज किया गया. वहीं, नोएडा में AQI 363 दर्ज किया गया. बुलंदशहर में AQI 349 पहुंच गया. मेरठ में वायु प्रदूष गुणवत्ता 369 दर्ज किया गया. आगरा में भी हवा जहरीली हो गई है. आगरा में एक्यूआई 395 दर्ज किया गया.
कौन सा शहर कितना प्रदूषित?
शहर AQI स्तर
गाजियाबाद 455
नोएडा 358
लखनऊ 249
मेरठ 368
आगरा 395
मुजफ्फरनगर 332
सहारनपुर 228
बुलंदशहर 393
हापुड़ 428
अलीगढ़ 343
इटावा 345
बांदा 160
गोरखपुर 192
वृंदावन 368
मुरादाबाद 174
रामपुर 121
बहराइच 101
शाहजहांपुर 74
बदायूं 74
बरेली 74
प्रयागराज 99
वाराणसी 124
कितना एक्यूआई स्तर ठीक?
जानकारी के मुताबिक, अगर किसी शहर का वायु प्रदूषण गुणवत्ता (AQI) 0 से 50 के बीच है तो उस शहर की हवा ठीक है. वहीं, अगर एक्यूआई का स्तर 51 से 100 के बीच है तो मध्यम है. इसके अलावा अगर एक्यूआई का स्तर 101 से 200 पहुंच जाए तो यह खराब है. एक्यूआई स्तर 201 से 300 पहुंचने पर यह स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है. 301 से 400 पहुंचने पर गंभीर हो सकता है. वहीं, 401 से 500 पहुंचने पर खतरनाक हो सकता है.
GRAP चरण 4 में इन पर रहेगा प्रतिबंध
- डीजल से चलने वाले मध्यम और भारी माल वाहन (BS-IV या उससे कम श्रेणी के) प्रतिबंधित हैं, सिवाय उन वाहनों के जो आवश्यक सामान ले जा रहे हैं. ज्यादा प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों पर भी पाबंदी रहेंगी. डीजल जनरेटर भी नहीं चलाए जा सकेंगे. गैर आवश्यक हल्के कमर्शियल वाहनों पर प्रतिबंध है, जब तक कि वे CNG, BS-VI डीजल जैसे स्वच्छ ईंधन का उपयोग न करें या इलेक्ट्रिक वाहन न हों.
- आवश्यक सेवाओं जैसे मेट्रो, रेलवे आदि को छोड़कर अन्य सभी जगह निर्माण कार्य पर रोक रहेगी, सड़कों पर पानी का छिड़काव करने का निर्देश है.
- गैर आवश्यक वस्तुओं को ले जाने वाले ट्रकों को प्रवेश करने से रोक दिया गया है, जब तक कि वे LNG, CNG या BS-VI डीजल पर न चलाई जाएं. ऐसे भारी वाहनों के प्रवेश पर पूरी तरह रोक रहेगी.
- CAQM पैनल ने कक्षा 6 से 9 और कक्षा 11 को ऑनलाइन मोड में लिए जाने की सिफारिश की है. कक्षा पांच तक के स्कूल तमाम जगहों पर पहले ही बंद कर दिए गए हैं. नोएडा, गाजियाबाद और अन्य जिलों के डीएम स्थानीय स्तर पर फैसला ले सकते हैं. ऐसे में कक्षा 10 और 12 को छोड़कर बाकी क्लासेज ऑनलाइन की जा सकती हैं.
- एनसीआर में ऑफिस को 50 प्रतिशत स्टाफ पर काम करने की सलाह दी गई है. यानी इन ऑफिस में वर्क फ्रॉम होम की सलाह दी गई है. प्राइवेट ऑफिस में WFH लागू किया जा सकता है.
बता दें कि GRAP के चार चरण होते हैं: चरण I - 'खराब' (AQI 201-300); चरण II - 'बहुत खराब' (AQI 301-400); चरण III - 'गंभीर' (AQI 401-450); और चरण IV - 'गंभीर प्लस' (AQI 450 से ऊपर).
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