मोहद्दीपुर से सहारा एस्टेट तक करीब 4 किमी लंबे रिंग रोड के निर्माण में अब तेजी आने की उम्मीद है। प्रभावित काश्तकारों ने बुधवार से गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) के नाम भूमि रजिस्ट्री की प्रक्रिया शुरू कर दी
पहले दिन एक काश्तकार ने 100 वर्ग मीटर भूमि जीडीए को सौंपी. जैसे-जैसे अन्य काश्तकार हिस्सा प्रमाण पत्र और शपथ पत्र के साथ आएंगे, रजिस्ट्री प्रक्रिया तेजी से पूरी की जाएगी और मुआवजा सीधे बैंक खातों में भेजा जाएगा.
इस रिंग रोड परियोजना में 2.697 हेक्टेयर भूमि आ रही है, जिसमें 100 से ज्यादा हिस्सेदार हैं. सभी काश्तकारों से समझौते के आधार पर भूमि ली जाएगी, जिसके बदले उन्हें 3.50 करोड़ रुपये प्रति हेक्टेयर की दर से भुगतान मिलेगा.
जीडीए ने दिसंबर 2023 में ही सभी प्रभावित काश्तकारों की सूची प्रकाशित कर दी थी. प्रशासन ने अपील की है कि काश्तकार पहले तहसील से अपने दस्तावेजों की पुष्टि करवा लें, फिर प्रमाण पत्र और शपथ पत्र के साथ रजिस्ट्री प्रक्रिया पूरी करें.
10 जनवरी से ही मिट्टी डालने का काम शुरू हो चुका है ताकि निर्माण कार्य में कोई देरी न हो. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर यह परियोजना पूरी रफ्तार से आगे बढ़ रही है
गोरखपुर विकास प्राधिकरण रामगढ़ताल के चारों तरफ रिंग रोड निर्माण कर रहा है जिससे शहर को बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी. यह रोड न केवल यातायात को सुगम बनाएगी बल्कि पर्यटन को भी बढ़ावा देगी.
पैडलेगंज से मोहद्दीपुर तक का रिंग रोड लगभग पूरा हो चुका है, केवल एक पुलिया की ढलाई का काम बाकी है, जो 15-20 दिनों में पूरी तरह सेट हो जाएगी. इसके बाद वाहनों की आवाजाही शुरू कर दी जाएगी.
इस रिंग रोड की चौड़ाई 12 मीटर होगी, जिसमें 7 मीटर सड़क और दोनों तरफ फुटपाथ होंगे. सड़क के किनारे आकर्षक रेलिंग और खूबसूरत स्ट्रीट लाइट्स लगाई जाएंगी, जिससे यह क्षेत्र और भी विकसित दिखेगा.
जीडीए के सचिव के मुताबिक, मई 2026 तक मोहद्दीपुर से सहारा एस्टेट तक का रिंग रोड पूरी तरह बनकर तैयार हो जाएगा. यह रोड शहर में यातायात का दबाव कम करेगा और विकास के नए द्वार खोलेगा.
इस रिंग रोड के बनने से शहर के बाहरी इलाकों की कनेक्टिविटी सुधरेगी और आसपास के क्षेत्रों में नई व्यावसायिक संभावनाएं पैदा होंगी. गोरखपुर के विकास में यह परियोजना मील का पत्थर साबित होगी.