गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे तीन राज्यों का सफर आसान करेगा. यह यूपी के गोरखपुर से शुरू होकर बिहार के रास्ते पश्चिम बंगाल तक जाएगा. जिसकी दूरी 600 किलोमीटर से ज्यादा रहने वाली है.
एक्सप्रेसवे को लेकर ताजा अपडेट यह है कि बिहार में इसका एलाइनमेंट तय हो गया है. रिपोर्ट्स की मानें तो 6 महीने के अंदर इसकी टेंडर प्रक्रिया को पूरा कर निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा.
इस एक्सप्रेसवे के बन जाने से बिहार और बंगाल जाना भी आसान हो जाएगा. घंटों का सफर कम हो जाएगा. 568 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेसवे बिहार में करीब 417 किलोमीटर होकर गुजरेगा.
568 किलोमीटर लंबा गोरखपुर सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे 6 लेन का होगा. इस पर 120 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से वाहन फर्राटा भर सकेंगे.
यह एक्सप्रेसवे पूर्वांचल के तीन जिलों के लिए लाइफलाइन बनेगी. पूर्वांचल के गोरखपुर, कुशीनगर और देवरिया से होते हुए बिहार और सिलीगुड़ी तक पहुंचा जा सकता है.
गोरखपुर, कुशीनगर और देवरिया के 111 गांवों की जमीन का अधिग्रहण किया गया है. मुआवजा देने की प्रक्रिया चल रही है. कुशीनगर के तमकुहीराज के 42 गांव, हाटा के 19 गांव, कसाया के 13 गांव शामिल हैं. इसके अलावा चौरी चौरा के 14 गांव, देवरिया सदर के 23 गांव शामिल हैं.
यूपी से गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे करीब 84.3 किलोमीटर गुजरेगा. जबकि बिहार का 417 किलोमीटर, पश्चिम बंगाल में इसका 18.97 किलोमीटर हिस्सा है.
यह एक्सप्रेसवे बिहार के पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया और किशनगंज जिलों से होकर गुजरेगा.
गोरखपुर से सिलीगुड़ी तक जाने में करीब 15 घंटे लगते हैं. इसकी दूरी करीब 600 KM है. एक्सप्रेसवे के बनने के बाद यह सफर करीब 9 घंटे का रह जाएगा. नए एक्सप्रेसवे का निर्माण 2028 तक पूरा करने का लक्ष्य है.
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