गोरखपुर से आजमगढ़ होते हुए लखनऊ तक सफर को आसान बनाने वाला गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे लगभग बनकर तैयार है. 98% निर्माण कार्य पूरा हो चुका है और जल्द ही इसका औपचारिक लोकार्पण किया जाएगा.
इस एक्सप्रेसवे के चालू होने से गोरखपुर से लखनऊ का सफर मात्र 3.5 घंटे में पूरा किया जा सकेगा. यह हाईवे दिल्ली, आगरा, प्रयागराज और वाराणसी जैसे बड़े शहरों तक भी कनेक्टिविटी को आसान बनाएगा.
यह 91.35 किमी लंबा एक्सप्रेसवे गोरखपुर, संतकबीरनगर, अंबेडकरनगर और आजमगढ़ जिलों से होकर गुजरता है. इससे इन इलाकों में व्यापार, परिवहन और उद्योगों को नया आयाम मिलेगा.
एक्सप्रेसवे के दोनों किनारों पर उद्योगों और व्यापारिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए इंडस्ट्रियल कॉरिडोर बनाया जा रहा है. इससे स्थानीय किसानों और व्यापारियों को अपने उत्पादों को बड़े बाज़ारों तक पहुंचाने में मदद मिलेगी.
त्याहारों और धार्मिक पर्वों के दौरान जब अयोध्या फोरलेन पर डायवर्जन लागू किया जाता है, तब इस एक्सप्रेसवे से यातायात को वैकल्पिक और तेज़ मार्ग मिलेगा. इससे जाम की समस्या कम होगी और यात्रियों का समय बचेगा.
आने वाले समय में यह गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे से भी जुड़ेगा, जिससे बिहार के गोपालगंज, सिवान, बगहा और बेतिया से लखनऊ और दिल्ली जाने वाले यात्रियों को फायदा होगा.
इस एक्सप्रेसवे पर प्रवेश नियंत्रित (Access Controlled) होने से ईंधन की खपत कम होगी और वाहनों की तेज़ और सुगम आवाजाही से प्रदूषण भी घटेगा. इससे पर्यावरण संरक्षण को भी बढ़ावा मिलेगा.
एक्सप्रेसवे के किनारे सिकरीगंज और आजमगढ़ में जन सुविधा केंद्र बनाए जाएंगे. इनमें पेट्रोल और CNG पंप, होटल, रेस्टोरेंट, वाहन मरम्मत केंद्र और चार्जिंग प्वाइंट जैसी सुविधाएं होंगी, जिससे यात्रियों को आरामदायक सफर मिलेगा.
इस एक्सप्रेसवे पर 7 फ्लाईओवर और दो टोल प्लाजा बनाए जा रहे हैं. साथ ही, हरियाली के लिए सड़क किनारे वृक्षारोपण किया जा रहा है, जिससे दुर्घटनाओं की संभावना कम होगी और यात्रा अधिक सुरक्षित बनेगी.
लेख में दी गई ये जानकारी सामान्य स्रोतों से इकट्ठा की गई है. इसकी प्रामाणिकता की जिम्मेदारी हमारी नहीं है.एआई के काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.