उत्तर प्रदेश को जल्द ही एक और बड़े हाईवे की सौगात मिलने वाली है. इसको लेकर प्रारंभिक योजना तैयार कर ली गई है. इस नए हाईवे का फायदा सीतापुर से लेकर लखनऊ और बरेली समेत कई जिलों को मिलेगा. आइए जानते हैं इसके बारे में.
यूपी में हाईवे का जाल लगातार बिछाया जा रहा है. कई एक्प्रेसवे की सौगात प्रदेश को मिल चुकी है. जबकि कई और एक्सप्रेसवे पर काम तेजी के साथ चल रहा है. इसमें एक और नाम जुड़ने वाला है, जो है गोरखपुर शामली ग्रीनफील्ड हाईवे.
यह एक्सप्रेसवे पू्र्वांचल को पश्चिम यूपी से कनेक्ट करेगा. इसकी प्रारंभिक योजना तैयार की जा चुकी है. उम्मीद की जा रही है कि इसका निर्माण कार्य भी इसी साल साल आखिरी तक शुरू किया जा सकता है.
गोरखपुर से शामली तक हाईवे की अनुमानित लंबाई करीब 700 किलोमीटर होगी. यह यूपी का दूसरा सबसे बड़ा एक्सप्रेसवे कहलाएगा.
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) जल्द ही इस हाईवे के नामांकन का काम शुरू कर देगा.
गोरखपुर से शामली तक बनने वाले इस हाईवे से 15 जिले कनेक्ट होंगे. इसमें से कई ऐसे हैं जो विकास से लिहाज से पिछड़े माने जाते हैं.
गोरखपुर से शामली तक हाईवे के निर्माण होने से पश्चिमी उत्तर प्रदेश से पूर्वी उत्तर प्रदेश की पहुंच आसान होगी. इस एक्सप्रेस वे के बनने से बड़े तबके को फायदा मिलेगा.
हाईवे गोरखपुर से शुरू होगा. यह महरागंज, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, श्रावस्ती होते हुए बहराइच और उसके बाद लखनऊ, सीतापुर के बाद लखीमपुर से गुजरेगा. पीलीभीत होते हुए बरेली और मुरादाबाद, बिजनौर और मेरठ होते हुए शामली को जोड़ेगा.
इस हाईवे के जरिए उत्तर प्रदेश में वाहनों की स्पीड बढ़ाने में भी मदद मिलेगी. साथ ही प्रदेश की कनेक्टिविटी भी और बेहतर होगी. वहीं व्यापार को भी रफ्तार मिलेगी.
रिपोर्ट्स की मानें तो आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे और पूर्वांचल एक्सप्रेसवे की तरह ही लड़ाकू विमान उतारने की सुविधा विकसित करने की भी तैयारी है. जिससे इमरजेंसी में यहां विमानों की लैंडिंग कराई जा सके.
लेख में दी गई ये जानकारी सामान्य स्रोतों से इकट्ठा की गई है. इसकी प्रामाणिकता की जिम्मेदारी हमारी नहीं है.एआई के काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.
गोरखपुर से शामली के बीच अभी यात्रा में करीब 15 घंटे लगते हैं. यह सफर घटकर महज 8 घंटे का रहर जाएगी.