भारत की सबसे पवित्र नदियों में गंगा का नम सबसे पहले लिया जाता है. यह नदी हिमालय पर्वत के गोमुख से निकलकर उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल से होकर गुजरती हुई बंगाल की खाड़ी में जाकर मिलती है.
गंगा कार्य योजना के मकसद को पूरा करने के लिए इसे साल 2008 में राष्ट्रीय नदी का दर्जा दिया गया था. तब से इसे राष्ट्रीय प्रतीक के तौर पर देखा जाता है.
गंगा कार्य योजना की शुरुआत 1986 में तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने की थी. इसका मकसद नदी के प्रदूषण को कम करना, पानी की गुणवत्ता में सुधार, गंगा नदी के अन्य हिस्सों में ऐसी योजना लागू करने जैसी चीजें प्रमुख हैं.
केंद्र सरकार की गंगा कार्य योजना के तहत राष्ट्रीय नदी गंगा बेसिन प्राधिकरण की स्थापना की गई थी. इसी के तहत गंगा को राष्ट्रीय नदी घोषित किया गया था.
गंगा नदी की लंबाई 2525 किलोमीटर है. यह उत्तराखंड में 110 किलोमीटर, यूपी में 1450 किलोमीटर, बिहार में 445 किलोमीटर और पश्चिम बंगाल में 520 किलोमीटर होकर बहती है.
गंगा नदी की औसत गहराई 16 मीटर यानी 52 फीट है. यह अधिकतम 30 मीटर यानी 100 फीट तक है. गंगा नदी साल भर एक बड़े क्षेत्र के लिए सिंचाई का प्रमुख जरिया हैं.
गंगा की कई सहायक नदियां भी हैं. जिसमें यमुना, रामगंगा, घाघरा, गंडक, कोसी और महानदा शामिल है. यह नदी सागर द्वीप के पास बंगाल की खाड़ी में जाकर गिरती है.
गंगा नदी के किनारे कई प्रमुख शहर और तीर्थ स्थल हैं, जिसमें बनारस, प्रयागराज, और हरिद्वार शामिल हैं. गंगा स्नान के लिए यहां लोगों का हुजूम उमड़ता है.
गंगा नदी का धार्मिक, सांस्कृतिक और आर्थिक महत्व बहुत अधिक है. यह नदी भारतीय संस्कृति और सभ्यता का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है.
गंगा नदी कुल 97 शहरों से होकर गुजरती है, जिसमें उत्तराखंड के 16, यूपी के 18, झारखंड के 2, पश्चिम बंगाल के 40 शहर शामिल हैं.
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