यह एक्सप्रेसवे जालौन से झांसी तक बनेगा. उत्तर प्रदेश औद्योगिक एक्सप्रेसवे प्राधिकरण (यूपीडा) ने इसके लिए तैयारी शुरू की हैं. इसका फायदा बुंदेलखंड के सभी जिलों को होने वाला है.
बुंदेलखंड औद्योगिक विकास प्राधिकरण (बीडा) और डिफेंस कॉरिडोर को यह 115 किलोमीटर लंबा लिंक एक्सप्रेस जोड़ेगा. इससे क्षेत्र के औद्योगिक विकास को गति मिलेगी और निवेशकों को सुविधा होगी.
झांसी से जालौन को कनेक्ट करने वाले इस लिंक एक्सप्रेसवे की लंबाई 115 किलोमीटर होगी. इस महत्वकांक्षी परियोजना के पूरे होने के बाद बुंदलखंड से दिल्ली से लेकर अन्य शहरों के बीच की कनेक्टिविटी और बेहतर हो जाएगी.
झांसी-जालौन लिंक एक्सप्रेसवे शुरुआत में फोन लेन का होगा. इसे भविष्य में छह लेन तक विकसित किया जा सकेगा. बता दें कि झांसी-जालौन लिंक एक्सप्रेसवे की अनुमानित लागत करीब 13 सौ करोड़ रुपये है.
झांसी-जालौन लिंक एक्सप्रेसवे के जमीन अधिग्रहण को लेकर तैयारियां चल रही हैं. जमीन अधिग्रहण की अनुमानित लागत करीब 228 करोड़ रुपये है. जानकारी के मुताबिक सरकार इसको लेकर 220 करोड़ रुपये की दो किस्तें मंजूर कर चुकी है.
झांसी-जालौन लिंक एक्सप्रेसवे बनने से बुंदेलखंड की सूरत बदल जाएगी. डिफेंस कॉरिडोर का इंडस्ट्रियल इको सिस्टम बेहतर होगा. बता दें कि झांसी के पास बीडा नोएडा की तर्ज पर एक नया औद्योगिक शहर विकसित कर रहा है.
रोड कनेक्टिविटी बेहतर होने से न केवल पर्यटकों की संख्या में इजाफा होगा बल्कि स्थानीय लोंगों को भई इसका फायदा मिलेगा. साथ ही औद्योगिक विकास को भी रफ्तार मिलेगी.
बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे और डिफेंस कॉरिडोर को कनेक्ट करने वाला यह लिंक एक्सप्रेसवे जालौन से गरौठा से होते हुए एरच तक जाएगा. इसकी लंबाई 90 किलोमीटर होगी. इसके बाद इसे 35 किलोमीटर आगे ले जाकर झांसी-कानपुर हाईवे से जोड़ा जाएगा.
इस लिंक एक्सप्रेसवे का फायदा बीडा को भी मिलेगा. जिसकी बुंदेलखंड से डायरेक्ट कनेक्टिविटी होगी. बता दें कि झांसी की गरौठा तहसील में 1034 हेक्टेयर भूमि पर डिफेंस कॉरिडोर बन रहा है. जबकि झांसी सदर तहसील के 33 गांवों की 22 हजार हेक्टेयर से अधिक जमीन पर औद्योगिक शहर बीडा बसाया जा रहा है.
इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य स्रोतों से इकट्ठा की गई है. एआई के काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.