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ट्रेनों में नहीं लगेगा झटका, मक्खन की तरह बदल जाएगी पटरी, झांसी में ट्रेनों में लगा नया सिस्टम

Railway Line: भारतीय रेलवे ट्रैकों को अंतरराष्ट्रीय स्तर का बनाया जा रहा है. जब इसके ट्रेन एक ट्रैक से दूसरे पर जाएगा, आपको कोई झटका नहीं लगेगा. यानी आपका सफर बहुत ही आरामदायक होगा. पढ़िए क्या है खास...

 

 

भारतीय रेल

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भारतीय रेल

भारतीय रेलवे ने अपने रेलवे ट्रैक को आधुनिक बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं, जैसे कि नई रेलवे लाइनें बिछाना और मौजूदा लाइनों को अपग्रेड करना.

 

विदेशो जैसे होंगे भारत के रेलवे ट्रैक

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विदेशो जैसे होंगे भारत के रेलवे ट्रैक

भारत के रेलवे ट्रैक दूसरे देशों जैसे होंगे. ट्रेनें सेमी बुलेट ट्रेन की स्पीड से दौड़ेंगी.  भारतीय रेलवे ट्रैक पर नई तकनीक का प्रयोग कर रहा है. इससे आप ट्रेन में एक ट्रैक से दूसरे पर जाते समय झटकों का अनुभव नहीं करेंगे.

 

ट्रैक बदलते ही बदल जाएगी स्पीड

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ट्रैक बदलते ही बदल जाएगी स्पीड

जैसे सामान्य ट्रैक पर ट्रेन चलती हैं, उसी तरह ट्रेन की स्पीड ट्रैक बदलते समय बदल जाएगी. तकनीक पूरे रूट पर लागू होने पर ट्रेनों की अधिकतम स्पीड 160 किमी. होगी.

 

स्पीड बढ़ेगी और जल्दी पहुंचेगी

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स्पीड बढ़ेगी और जल्दी पहुंचेगी

नई तकनीक से ट्रेनों की स्पीड बढ़ेगी और  जल्दी पहुंच जाएगी. इसकी शुरुआत झांसी डिवीजन से हो गई है. झांसी के बाद यह तकनीक जल्द ही अन्य जगह भी लागू होगी. 

 

गति और सुरक्षा दोनों बढ़ाने पर जोर

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गति और सुरक्षा दोनों बढ़ाने पर जोर

ट्रेनों की गति को बढ़ाने के लिए तेजी से हो रहा है.  झांसी मंडल में ट्रेनों की गति और सुरक्षा दोनों बढ़ाने पर जोर है. 

 

थिक वेब स्विच

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 थिक वेब स्विच

 TWS (थिक वेब स्विच) पॉइंट मशीन लगाने का काम तेजी से हो रहा है, जो ट्रैक को सुरक्षित रखता है. 

 

ट्रेनों की सुरक्षा

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ट्रेनों की सुरक्षा

 TWS लगने पर ट्रेनों की सुरक्षा बढ़ जाएगी. पटरियों में ट्रेनों की दिशा बदलने के लिए टर्न आउट लगे होते हैं, लेकिन अभी भी पुराना स्विच यूज किए जाते हैं. 

 

लूप लाइन पर भी ट्रेनों की स्पीड बढ़ेगी

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लूप लाइन पर भी ट्रेनों की स्पीड बढ़ेगी

थिक वैब स्विच लगाने का मुख्य उद्देश्य ट्रेनों को 130 km/h तक ले जाना है, जो बाद में 160 किलोमीटर/h तक बढ़ सकती है.  इसके अलावा, इससे लूप लाइन में ट्रेनों की स्पीड 30 km/h से 50 km/h तक बढ़ सकेगी.  इसके अलावा, इस नई तकनीकी का उपयोग ट्रेनों के दौरान झटके और कंपन को कम करता है.

 

ट्रैक की लाइफ बढ़ेगी

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ट्रैक की लाइफ बढ़ेगी

थिक वैब स्विच ट्रैक की सुरक्षा बढ़ाता है और उसकी लाइफ को बढ़ाता है. इस नई तकनीक से टर्न आउट फेलियर कम होते हैं और मेंटीनेंस खर्च कम होता है.

 

डिस्क्लेमर

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डिस्क्लेमर

लेख में दी गई ये जानकारी सामान्य स्रोतों से इकट्ठा की गई है. इसकी प्रामाणिकता की पुष्टि स्वयं करें. एआई के काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.