UP News: उत्तर प्रदेश के कानपुर शहर को एक नए अंतरराज्यीय बस अड्डे मिलने वाला है.यह बस अड्डा यात्रियों के लिए एक बड़ी सुविधा होगी और राज्य के विभिन्न हिस्सों के साथ-साथ अन्य राज्यों से भी कनेक्ट होगा.
आने वाले समय में कानपुर के लोगों का दिल्ली, उत्तराखंड, और राजस्थान आना-जाना आसान हो जाएगा. कानपुर को सिग्नेचर सिटी बस अड्डा मिलने वाला है, जो एक नया इंटरस्टेट बस स्टेशन होगा. झकरकटी बस अड्डे के बाद अब उत्तर प्रदेश को एक अतिरिक्त अंतरराज्यीय बस स्टेशन मिलने वाला है. जानते हैं इसके बारे में कब शुरू होगा और बसों की संख्या कितनी होगी.
सिग्नेचर सिटी बस अड्डा गुरुदेव पैलेस चौराहा से गंगा बैराज की टू लेन सड़क पर है. इस बस स्टेशन को जल्द ही इंटरस्टेट बस स्टेशन बनाया जाएगा. इस बस स्टेशन से हर घंटे बस मिलेंगी.
सिग्नेचर सिटी बस अड्डे पर सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध हैं. महाकुंभ पर्व के बाद, सिग्नेचर सिटी बस अड्डे से दूसरे राज्यों की बसें यहां आएंगी. इससे शहरों और आसपास के लाखों लोगों का समय बचेगा.
इससे दो लाभ मिलेंगे. पहला ये कि बसों का बेड़ा बढ़ेगा, जिससे सफर करने वालों को हर घंटे बसें मिलेंगी. दूसरा ये कि शहर जाम से बच जाएगा. क्योंकि बसों को बिना शहर में घुसे गंगा बैराज के रास्ते चलना होगा.
रोडवेज के कानपुर रीजन को महाकुंभ से पहले 50 नई बसें मिली हैं. इन बसों को अभी महाकुंभ में चलाया जा रहा है. महाकुंभ समाप्त होते ही इन बसों को डिपो में आवंटित होंगी. ये नई बसें दूसरे राज्यों में भी चलेंगी.
अभी 25 बसें चलती हैं. महाकुंभ समाप्ति के बाद इनकी संख्या बढ़ जाएगी. सिग्नेचर सिटी बस अड्डे ने कई बसें चलाना शुरू किया. इसमें लगभग सभी बसें लखनऊ से चलाई गईं. नया बस अड्डा होने के कारण बसें चलीं, लेकिन उनमें यात्री नहीं थे.
सिग्नेचर सिटी बस अड्डा से नई बसों के चलने से जाम की समस्या से मुक्ति मिल जाएगी. ये बसें जीटी रोड और शहर के अंदर बसों का लोड कम करेंगी.
कानपुर के झकरकटी बस अड्डे को भी रीडेवलप किया जा रहा है. इस बस अड्डे को 143 करोड़ रुपये की लागत से संवारा जाएगा. इसमें शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, सिनेमाघर, और रिटायरिंग रूम जैसी सुविधाएं मिलेंगी.
मार्च 2025 से इस बस अड्डे पर उत्तर प्रदेश, दिल्ली, उत्तराखंड और राजस्थान से बसों का संचालन किया जा सकता है.
लेख में दी गई ये जानकारी सामान्य स्रोतों से इकट्ठा की गई है. इसकी प्रामाणिकता की पुष्टि स्वयं करें. एआई के काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.