ताजा अपडेट के मुताबिक लखनऊ-कानपुर ग्रीनफील्ड एलिवेटेड एक्सप्रेस-वे का निर्माण कार्य करीब 80 फीसदी पूरा हो चुका है. बाकी बचे काम को मार्च 2025 तक पूरा करने की तैयारी है. इसकी डेडलाइन जून 2025 है.
सब कुछ ठीक रहा तो एलिवेटेड हाईवे पर अप्रैल से हल्के वाहनों का ट्रायल शुरू हो जाएगा. ट्रायल के तौर पर हल्के वाहन इस पर फर्राटा भर सकेंगे.
नितिन गडकरी ने 14 फरवरी यानी आज यूपी दौरे के दौरान 8000 करोड़ रुपए की लागत से बन रहे लखनऊ-कानपुर ग्रीनफील्ड एलिवेटेड एक्सप्रेस-वे का सांसद रमेश अवस्थी और सांसद देवेंद्र भोले के साथ मुआयना किया.
लखनऊ और कानपुर के लोगों को इसका खास फायदा मिलेगा. इस एक्सप्रेसवे के बनने से दोनों शहरों का सफर ही सुगम नहीं होगा बल्कि जाम के झाम से भी लोगों को छुटकारा मिलेगा.
लखनऊ कानपुर एक्सप्रेसवे 8 लेन का होगा. पहले इसे 6 लेन का बनाने की योजना थी. यह दोनों शहरों के बीच की दूरी को तय करने में लगने वाले समय को घंटों से मिनटों में कर देगा. अभी यात्रा में जहां 3 घंटे लगते हैं तो यह घटकर 45 मिनट तक रह जाएगा.
लखनऊ-कानपुर रोड पर एक्सप्रेसवे लखनऊ के शहीद पथ से शुरू होगा. यह नवाबगंज को बंथरा, बनी, दतौली कांठा, तौरा, नेओरना, अमरसास और रावल के जरिए कानपुर से कनेक्ट होगा.
लखनऊ और कानपुर एक्सप्रेसवे की लंबाई 63 किलोमीटर है. 18 किलोमीटर एलिवेटेड और 45 किलोमीटर ग्रीन फील्ड रूट तैयार किया जा रहा है. प्रोजेक्ट में तीन बड़े पुल, 28 छोटे पुल, 38 अंडरपास और छह फ्लाईओवर भी बनेंगे.
लखनऊ के 14 गांवों से एक्सप्रेसवे गुजरेगा. इसमें अमौसी, बनी, बंथरा, सिकंदरपुर, बेहसा, फरुखाबाद, चिल्लावां, गेहरू, गौरी, खांडेदेव, मीरनपुर पिनवट, नटकुर और सराय शहजारी गांव शामिल हैं.
उन्नाव तक 45 किलोमीटर लंबी 6 लेन रोड बनेगी. एक्सप्रेसवे पर अधिकतम 120 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से वाहन फर्राटा भर सकेंगे. इससे इलाके को फायदा मिलेगा.
मेन रोड पर ट्रैफिक कम करने के लिए लखनऊ कानपुर-एक्सप्रेस वे को लखनऊ रिंग रोड से जोड़ा जाएगा.
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