महाकुंभ क्षेत्र में 26 जनवरी से ही नो व्हीकल जोन घोषित किया जा चुका है. वाहन पास भी 5 फरवरी तक निरस्त कर दिए गए हैं. यहां किसी भी वाहन के प्रवेश पर रोक लगाई गई है, (एंबुलेंस को छोड़कर). प्रयागराज आने वाले वाहनों को शहर के 7 प्रमुख रूट पर ही पार्क किया जा सकेगा.
सहसो से गारापुर होते हुए आना होगा. चीनी मिल झूंसी और पूरेसूरदास पार्किंग गारा रोड, समयामाई मंदिर कछार पार्किंग, बदरा सौनौटी रमीमापुर उत्तरी/दक्षिणी पार्किंग पर वाहनों की पार्किंग का इंतजाम किया गया है. यहां से ओल्ड जीटी रोड से श्रद्धालु मेला क्षेत्र में प्रवेश करेंगे.
महुआ बाग थाना झूसी पार्किंग, सरस्वती पार्किंग (झूसी रेलवे स्टेशन), नागेश्वर मंदिर पार्किंग, ज्ञान गंगा घाट छतनाग पार्किंग, शिवपुर उस्तापुर पार्किंग महमूदाबाद में वाहनों की पार्किंग होगी. यहां से पैदल छतनाग मार्ग के जरिए मेला क्षेत्र में जा सकेंगे.
देवरख उपरहार पार्किंग (उत्तरी/दक्षिणी), ओमेक्स सिटी पार्किंग, टेंट सिटी पार्किंग मदनुआ/मवईया/देवरख, गाजिया पार्किंग उत्तरी-दक्षिणी में होगी. यहां से श्रद्धालु पैदल ही अरैल बांध से मेला क्षेत्र जा सकेंगे.
लखनऊ और प्रतापगढ़ से आने वाले वाहनों को गंगेश्वर महादेव कछार पार्किंग, नागवासुकी पार्किंग, बक्शी बांध कछार पार्किंग, बड़ा बगड़ा पार्किंग, आईईआरटी पार्किंग उत्तरी-दक्षिणी में पार्क करना होगा. इसके आगे नागवासुकी रूट से मेला क्षेत्र में जा सकेंगे.
काली एक्सटेंशन प्लाट नंबर 17, इलाहाबाद डिग्री कॉलेज मैदान, दधिकांदो मैदान में पार्किंग होगी. यहां से पैदल ही श्रद्धालु जीटी जवाहर चौराहा के रास्ते काली मार्ग के जरिए मेला क्षेत्र में जाएंगे.
अयोध्या और प्रतापगढ़ की ओर से आने वाले वाहनों की पार्किंग शिव बाबा पार्किंग में होगी. यहां से आगे संगम लोअर मार्ग से पैदल मेला क्षेत्र में जा सकेंगे.
पैदल आने वालों श्रद्धालु जीटी जवाहर के रास्ते काली रोड से काली रैंप के रास्ते संगम अपर मार्ग आएंगे. प्रवेश के लिए जवाहर लाल नेहरू काली सड़क मार्ग और निकास के लिए त्रिवेणी मार्ग प्रस्तावित है. यानी वापसी में अक्षयवाट के रास्ते इंटर लॉकिंग वापसी मार्ग, त्रिवेणी मार्ग के जरिए लौट सकेंगे.
जौनपुर की तरफ से आने पर 5 से 10 किलोमीटर, फाफामऊ से 10 से 15 किलोमीटर, वाराणसी की ओर से आने पर 10 से 15 किलोमीटर पैदल चलना होगा. इसके अलावा मिर्जापुर की ओर से आने पर 5 से 10 किलोमीटर, रीवा-बांदा चित्रकूट से आने पर 5 से 10 किलोमीटर, कानपुर कौशांबी से आने पर 5 से 15 किलोमीटर, लखनऊ-प्रतापगढ़ और अयोध्या से आने पर 10 से 15 किलोमीटर चलना होगा.
संगमनगरी में मौनी अमावस्या को लेकर घाट तैयार कर लिए गए हैं.भीड़ से बचकर आप संगम क्षेत्र, दशाश्वमेघाट, हांडी फोड़ घाट, केदार घाट, बलुआ घाट, अरेल घाट, सरस्वरती घाट पर स्नान कर सकते हैं.