मकर संक्रांति के पावन पर्व पर प्रयागराज के संगम तट पर 3.50 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं ने अमृत स्नान किया. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस ऐतिहासिक आयोजन को सफल बताया और इसे सनातन संस्कृति के सशक्तिकरण का प्रतीक कहा. अमृत स्नान को पवित्रता और आस्था का संगम माना गया.
अखाड़ों के साधु-संतों ने विधि-विधान के साथ शोभायात्रा निकालते हुए संगम पर स्नान किया. तन पर धूमी रमाए साधु तलवार और ढोल लेकर परंपराओं को जीवंत करते दिखे. 13 अखाड़ों के साधु इस अमृत स्नान में शामिल होकर श्रद्धालुओं के लिए प्रेरणा बने.
योगी सरकार ने श्रद्धालुओं के स्वागत में महाकुंभ के दूसरे दिन मकर संक्रांति पर भी हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा कराई. गुलाब की पंखुड़ियों की बारिश से संगम तट पर भक्त अभिभूत हो गए और 'जय श्री राम' व 'हर हर महादेव' के जयकारों से माहौल गूंज उठा.
महाकुंभ में इस बार पूर्वोत्तर के त्योहार भोगाली बिहू का आयोजन किया गया. महिलाओं ने बिहू नृत्य प्रस्तुत कर असमिया संस्कृति को प्रदर्शित किया. नामघर में नाम कीर्तन और पारंपरिक व्यंजन वितरित कर पर्व को खास बनाया गया.
कथावाचक जया किशोरी और लोक गायिका मालिनी अवस्थी ने अमृत स्नान कर महाकुंभ को यादगार बताया. मालिनी अवस्थी ने व्यवस्थाओं की सराहना करते हुए सभी को महाकुंभ आने का आमंत्रण दिया. तो वहीं जया किशोरी ने बताया कि महाकुंभ में आकर श्रद्धालुओं को क्या-क्या मिलेगा.
जूना अखाड़ा और आनंद अखाड़ा के महामंडलेश्वर अपने अनुयायियों संग भव्य जुलूस निकालते हुए अमृत स्नान के लिए पहुंचे. उनकी उपस्थिति ने श्रद्धालुओं के उत्साह को और बढ़ा दिया.
मकर संक्रांति के अवसर पर सुबह स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने संगम घाट पर तिल, खिचड़ी और पूजन सामग्रियों से अपने इष्ट देव की पूजा की. दान-पुण्य के इस क्रम ने मकर संक्रांति के पर्व को और पवित्र बना दिया.
किन्नर अंतरराष्ट्रीय अखाड़ा के सदस्यों ने भी अमृत स्नान में भाग लिया. उन्होंने कहा कि यह आयोजन आस्था और समानता का अद्भुत उदाहरण है. किन्नर अखाड़ों की शोभा यात्रा को देखने के लिए श्रद्धालुओं का भारी हुजूम दिखाई दिया.
महाकुंभ ने इस बार ‘शाही स्नान’ की जगह ‘अमृत स्नान’ जैसे शब्दों को अपनाकर सनातन संस्कृति को सशक्त किया. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे भारतीय परंपराओं को वैश्विक मंच पर स्थापित करने का कदम बताया.
प्रयागराज महाकुंभ में एक मार्डन साध्वी भी पूरे दिन चर्चा में रहीं जो खूब वायरल हो रही हैं. झांसी की रहने वाली हर्षा रिछारिया जब पहली बार निरंजनी अखाड़े की पेशवाई के दौरान कैमरे की नजरों में आईं तो हर कोई उनकी खूबसूरती को देखकर हैरान हो गया. हर्षा सोशल मीडिया पर एंफ्लुएंसर भी रही हैं. बस दो साल पहले ही उन्होंने उन्होंने ग्लैमर की दुनिया को त्याग कर भक्ति का मार्ग अपनाया है.