Narendra Modi Oath Ceremony: क्या आप जानते हैं कि पद ग्रहण से पहले शपथ ग्रहण समारोह (Modi Cabinet Shapath Grahan) इतना अधिक महत्वपूर्ण क्यों होता है, आइए इस बारे में जानते हैं.
आप भी ऐसे विचार मन में लाते हैं कि शपथ ग्रहण समारोह इतना क्यों महत्वपूर्ण होता है. राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यों के सीएम, मंत्री के साथ ही पंचायत के पंच हों या सरपंच पद संभालने से पहले शपथ क्यों लेते हैं.
भारत के संविधान के प्रति श्रद्धा व निष्ठा रखने की शपथ सांसद, विधायक, प्रधानमंत्री और मंत्रियों को दिलाई जाती है. सांसद अथवा विधायक शपथ नहीं लेंगे तो उनके सरकारी कामों में हिस्सा लेने की मनाही होगी.
वो निर्वाचित तो माने जाएंगे पर सांसद नहीं होंगे. सदन को कोई नोटिस नहीं दे पाएंगे, मुद्दा वहीं उठा पाएंगे. वेतन व सुविधाएं भी नहीं पा सकेंगे.
शपथ संवैधानिक पद संभालने की अति आवश्यक प्रक्रिया है, इसी के बाद सरकारी कामकाज व सदन की कार्यवाही में कोई भी प्रतिनिधि हिस्सा ले सकेगा.
राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मंत्री से लेकर पंच-सरपंच और सरकारी सेवा के लिए हमेशा ही पद की गरिमा बनाए रखने के साथ ही ईमानदारी व निष्पक्षता से काम करने के साथ ही देश की संप्रभुता और अखंडता को किसी भी स्थिति में बनाए रखने की शपथ दिलवाई जाती है.
शपथ हिंदी, अंग्रेजी के साथ ही किसी भी भारतीय भाषा में हो सकती है. 13वें राष्ट़्रपति रहे शंकरदयाल शर्मा ने पद ग्रहण की शपथ संस्कृत भाषा में ली थी.
पद की शपथ- सांसद व विधायक पद की गरिमा को बनाए रखने की शपथ उठाते हैं. ईमानदारी व निष्पक्षता से काम करने के साथ ही हर परिस्थिति में देश की संप्रभुता व अखंडता को बनाए रखने की शपथ लेते हैं.
गोपनीयता की शपथ: केंद्र हो या राज्य में कोई भी नवनिर्वाचित को गोपनीयता की शपथ दिलाई जाती हैं.
देश भर की 543 सीटों से निर्वाचित हुए सांसदों को लोकसभा में शपथ दिलवाई जाती है. लोकसभा में प्रधानमंत्री और मंत्री भी सांसद होने पर शपथ लेते हैं.