Rajya sabha candidate list: भाजपा ने रविवार को यूपी-उत्तराखंड में राज्यसभा चुनाव के लिए प्रत्याशियों के नामों की घोषणा कर दी. इन नामों में सुधांशु त्रिवेदी ही ऐसे हैं, जिनको भाजपा ने दोबारा उम्मीदवारा बनाया है. बाकी नए चेहरों को शामिल किया है. ऐसे में भाजपा ने एक बार फिर लोकसभा चुनाव से पहले यूपी में ब्राह्मण, ठाकुर, कुर्मी, कोयरी, बिंद, जाट, बनिया सबको साधने का काम किया है. तो आइये जानते हैं भाजपा उम्मीदवारों के बारे में.
भाजपा ने रविवार को यूपी-उत्तराखंड में राज्यसभा चुनाव के लिए प्रत्याशियों के नामों की घोषणा कर दी. इन नामों में सुधांशु त्रिवेदी ही ऐसे हैं, जिनको भाजपा ने दोबारा उम्मीदवारा बनाया है. बाकी नए चेहरों को शामिल किया है. ऐसे में भाजपा ने एक बार फिर लोकसभा चुनाव से पहले यूपी में ब्राह्मण, ठाकुर, कुर्मी, कोयरी, बिंद, जाट, बनिया सबको साधने का काम किया है. तो आइये जानते हैं भाजपा उम्मीदवारों के बारे में.
डॉ. सुधांशु त्रिवेदी का जन्म लखनऊ में हुआ है. उन्होंने इंजीनियरिंग की डिग्री लेने के बाद मेकेनिकल इंजीनियरिंग से पीएचडी किया. इसके अलावा वह कई यूनिवर्सिटी में स्पीकर के तौर पर भी गए. सुधांशु त्रिवेदी इंजीनियरिंग में अपना करियर बनाना चाहते थे, लेकिन कम उम्र में ही वह नेता बन गए. सुधांशु त्रिवेदी भाजपा के तेज तर्रार नेताओं में से एक हैं. भाजपा ने एक बार फिर से सुधांशु पर भरोसा जताया है और दोबारा राज्यसभा के लिए उम्मीदवार बनाया है. वह राज्यसभा सांसद के साथ भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता भी हैं.
आरपीएन सिंह कुशीनगर के सैंथवार शाही परिवार से ताल्लुक रखते हैं. वह कांग्रेस के पूर्व वरिष्ठ नेता एवं केंद्रीय गृह राज्य मंत्री रह चुके हैं. पूर्व सांसद आरपीएन सिंह साल 1996, 2002 और 2007 में उत्तर प्रदेश की पडरौना सीट से विधायक रहे. साल 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से ऐन पहले कांग्रेस छोड़कर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए. अब बीजेपी ने उन्हें राज्यसभा भेजने का फैसला किया है.
चौधरी तेजवीर सिंह जाट नेता हैं. वह उत्तर प्रदेश सहकारी बैंक के पूर्व चेयरमैन भी रह चुके हैं. मथुरा लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व करते हुए संसद सदस्य के रूप में कार्य किया है. 1996, 1998, 1999 में सांसद भी निर्वाचित हुए थे. इनकी गिनती बीजेपी के संगठन नेताओं में होती है. अब वह राज्यसभा उम्मीदवार हैं.
साधना सिंह यूपी के चंदौली की रहने वाली हैं. वह विधायक भी रह चुकी हैं. बीजेपी की पुरानी नेता और 2022 में टिकट नहीं मिलने के बाद भी इन्होंने जमीन पर पार्टी को मजबूत करने का काम किया. साधना सिंह जिला पंचायत अध्यक्ष भी रह चुकी हैं. भाजपा महिला मोर्चा चंदौली की अध्यक्ष भी रह चुकी हैं. विधायक रहते हुए साधना सिंह मुगलसराय (अब दीनदयाल उपाध्याय नगर) को रिप्रजेंट करती थीं.
अमरपाल मौर्य मूलत: यूपी के प्रतापगढ़ के रहने वाले हैं. उनकी गिनती भाजपा के संगठन नेताओं में होती है. यूपी बीजेपी की जनरल सेक्रेटरी भी रह चुकी हैं. अमरपाल मौर्य बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव सुनील बंसल के करीबी बताए जाते हैं. भाजपा ने अब उन्हें राज्यसभा का उम्मीदवार बनाया है.
संगीता बलवंत यूपी के गाजीपुर की रहने वाली हैं. वह बिंद जाति से ताल्लुक रखती हैं. वर्तमान में गाजीपुर की सदर सीट से विधायक भी रह चुकी हैं. छात्र जीवन से ही राजनीति में सक्रिय रही हैं और गाजीपुर पीजी कालेज की उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं. योगी की पहली सरकार में मंत्री भी थीं. इनके पिता रामसूरत बिंद की गिनती बीजेपी के बड़े नेताओं में होती थी.
नवीन जैन भाजपा के पुराने नेताओं में से एक हैं. वह पार्टी के फाइनेंस एक्सपर्ट भी हैं. आगरा नगर निगम के पूर्व मेयर भी रह चुके हैं. अब बीजेपी इन्हें राज्यसभा भेजने की तैयारी में है. आगरा और उसके आसपास के इलाके में इनकी गिनती जमीनी नेताओं में होती है.
महेंद्र भट्ट अभी उत्तराखंड भाजपा के अध्यक्ष हैं. जमीन पर काफी सक्रिय माने जाते हैं. भट्ट चमोली जिले के बद्रीनाथ निर्वाचन क्षेत्र से विधायक भी रह चुके हैं. महेंद्र भट्ट का राज्यसभा जाना करीब-करीब तय माना जा रहा है. उत्तराखंड बीजेपी अध्यक्ष रहते हुए इनके और सीएम पुष्कर सिंह धामी के बीच बेहतर तालमेल भी देखने को मिला है.