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यूपी के नौ शहरों में इस्कॉन मंदिर, आगरा-मथुरा से लेकर मेरठ-प्रयागराज तक जहां चाहे घूम लो

ISCKON Mandir In UP: यूपी में वृंदावन से लेकर लखनऊ और कानपुर में इस्कॉन के मंदिर स्थित है. जिनका नजारा मन मोह लेता है. इन मंदिरों में अलग ही रौनक देखने को मिलती है. आज हम आपको उत्तर प्रदेश के Iskon मंदिरों के बारे में बताएंगे. 

 

यूपी में इस्कॉन मंदिर

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यूपी में इस्कॉन मंदिर

दुनिया में सभी इस्कॉन मंदिर भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित हैं. इस्कॉन का मतलब इंटरनेशनल सोसायटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस है. इन मंदिरों में भगवान कृष्ण की आराधना की जाती है. 

 

दुनिया भर में इस्कॉन मंदिर

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दुनिया भर में इस्कॉन मंदिर

दुनिया भर में इस्कॉन मंदिर की बात कि जाए तो इनकी संख्या 650 से भी ज्यादा है. भारत के इस्कॉन मंदिर की बात करें तो 400 से भी ज्यादा छोटे-बड़े इस्कॉन मंदिर हैं. दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर कोलकाता में है.

 

यूपी में इस्कॉन मंदिर कितने

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यूपी में इस्कॉन मंदिर कितने

अब बात करते हैं यूपी में इस्कॉन मंदिर की तो इनकी संख्या 7 से ज्यादा है. हम यहां पर बात करते हैं. संख्या और भी ज्यादा हो सकती है.

 

इस्कॉन मंदिर वृंदावन

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इस्कॉन मंदिर वृंदावन

भगवान श्रीकृष्ण की नगर वृंदावन में कई दर्शनीय स्थल मौजूद हैं. इन्हीं में से एक इस्कॉन मंदिर भी है. इस्कॉन की स्थापना करने वाले भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद का सपना था कि वृंदावन में भव्य मंदिर का निर्माण कराया जाए. मंदिर का निर्माण वहां कराया गया है, जहां भगवान श्रीकृष्ण भाई बलराम के साथ खेला करते थे. मंदिर में आकर भक्त श्रीकृष्ण की भक्ति में डूब जाते हैं. 

 

राधा गोविंद मंदिर, नोएडा

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राधा गोविंद मंदिर, नोएडा

नोएडा में बने श्री राधा गोविंद मंदिर की गिनती दिल्ली एनसीआर के भव्य मंदिरों में होती है. यहां श्री राधा गोविंद, सीता राम, लक्ष्मण हनुमान और जगन्नाथ, बलदेव और सुभद्रा हैं. इस मंदिर का मुख्य आकर्षण एक रोबोट है जो भगवद गीता की शिक्षाओं का प्रचार करता है. यहां एक संग्रहालय, गौशाला, पुस्तक वितरण, गोविंदा रेस्तरां, बच्चों और युवाओं के लिए संडे स्कूल, महिलाओं के कार्यक्रम और सप्ताहांत संकीर्तन और धार्मिक व्याख्यान की भी व्यवस्था है. 

 

कानपुर राधा माधव, मंदिर

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कानपुर राधा माधव, मंदिर

कानपुर सेंट्रल रेलवे स्टेशन से करीब 13 किलोमीटर दूर बिठूर क्षेत्र में इस्कॉन मंदिर है, जिसे राधा माधव मंदिर के नाम से भी जाना जाता है. इसे साल 2014 में संस्था ने बनाया था. मंदिर का परिसर करीब 15 एकड़ में फैला है. मंदिर में बेहतरीन वास्तुकला और भव्य मीनारें हैं. मंदिर के अंदर खुले आसमान के नीचे एक विशाल हॉल के साथ एक आंगन है। एक परिक्रमा मार्ग (तीर्थयात्रा पथ) मंदिर की इमारत को घेरता है. मंदिर में इंट्री के लिए कोई शुल्क नहीं है. 

 

राधा रमण बिहारी मंदिर, लखनऊ

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राधा रमण बिहारी मंदिर, लखनऊ

राधा रमण बिहारी मंदिर लखनऊ के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है. यह मंदिर 1 अशोक नगर, गुरु गोविंद सिंह मार्ग पर स्थित है. इसके अलावा लखनऊ में एक और इस्कॉन मंदिर स्थित है. जो सुशांत गोल्फ सिटी, अंसल एपीआई, सुल्तानपुर रोड पर है. 

 

श्री राधा गोपाल बिहारी जी मंदिर, वाराणसी

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श्री राधा गोपाल बिहारी जी मंदिर, वाराणसी

बाबा महाकाल की नगरी काशी में भी इस्कॉन का श्री राधा गोपाल बिहारी जी मंदिर है, जो भगवान की लीलाओं की याद दिलाता है. जन्माष्टमी पर इस मंदिर का नजारा देखने लायक होता है. ये मंदिर दुर्गाकुंड रोड, पुलिस स्टेशन के पास वाराणसी में स्थित है. 

 

श्री श्री नितायी मायापुर चंद्र मंदिर, अलीगढ़

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श्री श्री नितायी मायापुर चंद्र मंदिर, अलीगढ़

मंदिर की शुरुआत 2011 में अप्रैल महीने से हुई जब परम कृपालु क्रतु प्रभु ने अपने शिष्य परम पूज्य रसराज प्रभु को अलीगढ़ में एक केंद्र शुरू करने के लिए मार्गदर्शन किया. उनके मार्गदर्शन में वह अपने परिवार के साथ गुड़गांव से अलीगढ़ चले आये और अपनी इच्छा पूरी की. मंदिर में सुखदायक कीर्तन के साथ एक छोटी दार्शनिक चर्चा भी होती है जिसके बाद हर रविवार को प्रसाद दिया जाता है.

 

अब मेरठ में भी इस्कॉन मंदिर

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अब मेरठ में भी इस्कॉन मंदिर

मेरठ में इस्कॉन हरे कृष्ण का नया भवन है. इस्कॉन भवन सेंट्रल मार्केट शास्त्रीनगर में है. बड़ी  संख्या में यहां पर लोग आते हैं. ये मंदिर दो साल पहले ही बनाया गया है.  मंदिर में नियमित रूप से आरती, भजन और अन्य धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं.

 

 

गोरखपुर इस्कॉन मंदिर

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गोरखपुर इस्कॉन मंदिर

गोरखपुर जिले में इस्कॉन मंदिर की स्थापना साल 2024 में की गई. स्थापना के दौरान  विदेशी भक्तों ने हरिनाम संकीर्तन कर लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया.  कार्यक्रम में घाना, केन्या, दक्षिण अफ्रीका आदि देशों के भक्त शामिल हुए, जिसमें भक्ति धीर दामोदर स्वामी, जो अफ्रीका महाद्वीप के पहले वैदिक सन्यासी हैं और इस्कॉन के गुरु हैं वे आकर्षण का केंद्र रहे. यह मंदिर गोरखपुर शहर के मध्य में स्थित है और यहाँ पर भगवान कृष्ण की पूजा की जाती है. 

इस्कॉन की स्थापना ?

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इस्कॉन की स्थापना ?

इस्कॉन यानी इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस को 'हरे कृष्णा' मूवमेंट के तौर पर भी जाना जाता है. कोलकाता के रहने वाले भगवान श्रीकृष्ण के परम भक्त भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद ने साल 1966 में न्यूयार्क सिटी में इस संस्था की स्थापना की थी. आज दुनिया भर में इस्कॉन के 500 से ज्यादा मंदिर हैं. इस्कॉन का उद्देश्य देश-दुनिया के लोगों को ईश्वर से जोड़ना, आध्यात्मिक समझ, एकता और शांति का संदेश देना है. 

 

डिस्क्लेमर

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डिस्क्लेमर

लेख में दी गई ये जानकारी सामान्य स्रोतों से इकट्ठा की गई है. इसकी प्रामाणिकता की पुष्टि स्वयं करें. एआई के काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.