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JPNIC Photos: जेपी की जयंती पर लखनऊ बना सियासी जंग का अखाड़ा, सपाइयों के शक्ति प्रदर्शन पर सरकार की सख्ती

JPNIC Lucknow: लखनऊ आज सियासी जंग का अखाड़ा बना हुआ है. जयप्रकाश नारायण की जयंती पर रार छिड़ी हुई है. गुरुवार रात से शुरू हुआ घटनाक्रम अभी तक जारी है. योगी सरकार ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए भारी पुलिस बल तैनात किया है.

जयप्रकाश नारायण (JP) की जयंती

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जयप्रकाश नारायण (JP) की जयंती
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में आज जयप्रकाश नारायण (JP) की जयंती पर सियासत तेज है.  समाजवादी पार्टी (SP) प्रमुख अखिलेश यादव को पुलिस ने उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण करने रोक दिया गया है. बता दें कि अखिलेश यादव ने शुक्रवार सुबह साढ़े 10 बजे JPNIC पहुंचने का ऐलान किया है. हालांकि इसकी अनुमति प्रशासन ने नहीं दी. इस पर उन्होंने कहा, योगी सरकार कुछ तो छिपा रही है.

सुरक्षा बलों की तैनाती

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 सुरक्षा बलों की तैनाती
अखिलेश यादव को जय प्रकाश नारायण इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर (JPNIC) में श्रद्धांजलि की अनुमति न मिलने के बाद पॉलिटिकल हंगामे की आशंका को देखते हुए भारी सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है.

आइए जानते हैं कल रात से अब तक का घटनाक्रम

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आइए जानते हैं कल रात से अब तक का घटनाक्रम
गुरुवार देर रात को जेपी जयंती के मौके पर समाजवादी पार्टी मुखिया अखिलेश यादव अचानक गोमतीनगर स्थित JPNIC यानी जय प्रकाश नारायण सेंटर पहुंचे. मगर वहां अखिलेश को एंट्री नहीं मिली. इसके बाद जबरदस्त सियासी हंगामा हो गया है. 

प्रतिमा पर मार्ल्यापण नहीं कर सके

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प्रतिमा पर मार्ल्यापण नहीं कर सके
टीन शेड लगा होने के कारण वह जेपी की प्रतिमा पर मार्ल्यापण नहीं कर सके. अखिलेश ने  सुबह 10 बजे फिर JPNIC जाने का ऐलान किया तो पुलिस ने बैरिकेडिंग कर हाउस अरेस्ट कर लिया. 

अखिलेश यादव ने क्या कहा?

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अखिलेश यादव ने क्या कहा?
अखिलेश ने सरकार के इस कदम पर आपत्ति जताई और कहा, मुझे मार्ल्यापण करने से क्यों रोका जा रहा है.  JPNIC के मुख्य द्वार को टिन की चादरों से क्यों ढंका गया है.  उन्होंने सरकार की नियत और मंशा पर भी सवाल उठाए.

JPNIC, समाजवादियों का संग्रहालय -अखिलेश

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JPNIC, समाजवादियों का संग्रहालय -अखिलेश
अखिलेश यादव ने कहा, JPNIC, समाजवादियों का संग्रहालय है.  जयप्रकाश नारायण की प्रतिमा सहित कुछ ऐसी चीजें हैं, जिनसे हम समाजवाद को समझ सकते हैं.  यह टीन शेड लगाकर सरकार कुछ तो छिपा रही है. अखिलेश ने टीन की चादरों पर समाजवादी पार्टी जिंदाबाद लिखने को कहा.

अखिलेश यादव के आवास के बाहर भारी फोर्स

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अखिलेश यादव के आवास के बाहर भारी फोर्स
अखिलेश यादव की तरफ से 8 अक्टूबर को पुलिस को पात्र लिखकर जेपी की जयंती के अवसर पर JPNIC में माल्यार्पण और श्रद्धांजलि देने की अनुमति मांगी गई थी. हालांकि, पुलिस की तरफ से उन्हने अनुमति नहीं दी गई है. अखिलेश यादव के आवास के बाहर भी भारी सुरक्षा बल की तैनाती की गई है. 

पिछले साल फांदी थी दीवार

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पिछले साल फांदी थी दीवार
यह पहला मौका नहीं है जब JPNIC बिल्डिंग को लेकर बवाल मचा है. पिछली बार भी जेपी की जयंती पर माल्यार्पण को लेकर हाईवोल्टेज ड्रामा देखने को मिला था. अखिलेश यादव 8 फ़ीट ऊंची दीवार फांदकर माल्यार्पण करने पहुंच गए थे. लेकिन इस वर्ष पुलिस ने यहां टीन की ऊंची ऊंची चादरें लगवा दी, जिससे वह प्रवेश नहीं कर पाए.

LDA की सफाई

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LDA की सफाई
लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) ने पत्र जारी कर मामले में सफाई दी है. पत्र में कहा, 'JPNIC निर्माण स्थल है, निर्माण सामग्री वहां बेतरतीब ढंग से फैली है.  बारिश के कारण कीड़े मकोड़े हो सकते हैं.  सपा प्रमुख अखिलेश यादव को जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा मिली है.  सुरक्षा कारणों से उनके लिए वहां जाना उचित नहीं है.

जयप्रकाश नारायण अंतराष्‍ट्रीय केंद्र

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जयप्रकाश नारायण अंतराष्‍ट्रीय केंद्र
सपा शासन काल में साल 2012 में इंडिया हैबिटेट सेंटर की तर्ज पर जयप्रकाश नारायण अंतराष्‍ट्रीय केंद्र का निर्माण शुरू हुआ था, साल 2017 तक इस पर करीब 860 करोड़ रुपये खर्च हुए थे. रियल एस्‍टेट कंपनी शालीमार ने इसका निर्माण किया. 17 मंजिल की इस इमारत में पार्किंग, जेपी नारायण से जुड़ा एक म्‍यूजियम, बैडमिंटन कोर्ट, लॉन टेनिस खेलने की व्‍यवस्‍था है. साथ ही यहां ऑले वेदर स्‍वीमिंग पूल भी बनाया गया है. इसके अलावा करीब 100 कमरों का एक बड़ा गेस्‍ट हाउस भी तैयार किया गया है. खास बात यह है कि 17वीं मंजिल पर एक हेलीपैड बनाया गया . 

11-कौन थे जयप्रकाश नारायण

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11-कौन थे जयप्रकाश नारायण
जयप्रकाश नारायण भारतीय स्वतंत्रता सेनानी और राजनेता थे. देश में आजादी की लड़ाई से लेकर वर्ष 1977 तक तमाम आंदोलनों में जेपी का अहम रोल रहा है. कहा जाता है कि उनके आंदोलन की वजह से इंदिरा गांधी के हाथ से सत्ता तक छिन गई थी. जयप्रकाश जी का समाजवाद का नारा आज भी गूंज रहा है.