Lucknow Outer Ring Road: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में यातायात को सुधारने के लिए कई परियोजनाएं चल रही हैं. इनमें से कुछ प्रमुख परियोजनाएं हैं. लखनऊ आउटर रिंग रोडपरियोजना शहर के चारों ओर एक आउटर रिंग रोड बनाने के लिए है, जिससे शहर के अंदर यातायात को कम किया जा सके.
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ और उसके आसपास सटे जिलों के लिए बड़ी खुशखबरी है. सरकार की ओर से आईआईएम से आउटर रिंग रोड स्थित रैथा अंडरपास के इलाकों की कनेक्टिविटी बनाने के लिए बजट और पूरी कार्ययोजना तैयार है.
जल्दी ही लखनऊ में 4 लेन आउटर रिंग रोड पर काम चल रहा है. आउटर रिंग रोड का निर्माण शहर के यातायात को बेहतर बनाने और जाम की समस्या को कम करने के लिए किया जा रहा है. यह परियोजना शहर के लोगों की यात्रा और सरल बनाएगी.
लखनऊ के रैथा अंडरपास से लेकर पीएम मित्र टेक्सटाइल पार्क तक 14.28 किमी क्षेत्र की सड़क को फोरलेन किया जाएगा. आईआईएम से आउटर रिंग रोड स्थित रैथा अंडरपास मार्ग का कायाकल्प किया जाएगा. मलिहाबाद के अटारी गांव में पीएम मित्र पार्क को पीपीपी पार्टनरशिप के जरिए विकसित किया जा रहा है.
मास्टर प्लान 2031 (master plan 2031) के तहत लखनऊ की योजना में कई बड़े बदलाव होंगे. लखनऊ के अधिकांश थोक बाजारों को आउटर रिंग रोड के किनारे ले जाया जाएगा. कई नए बस अड्डे बनेंगे और एक नए एयरपोर्ट का भी प्लान है. इसके साथ ही नई आवासीय कॉलोनी और कमर्शियल हब भी आउटर रिंग रोड के किनारे प्लान किए जा रहे हैं.
104 किलोमीटर के आउटर रिंग रोड के किनारे एक नया लखनऊ बसाने की तैयारी की जा रही है, जिसमें लखनऊ विकास प्राधिकरण दोनों ओर आवासीय और कमर्शियल हब बनाएगा.शहर के बाहर से ही वाहन निकलेंगे, जिससे लखनऊ के भीतर करीब 5000 वाहन रोजाना कम आएंगे.
फिलहाल कुर्सी रोड से सुल्तानपुर रोड के बीच में आउटर रिंग रोड पर वाहन दौड़ रहे हैं, जबकि सुल्तानपुर रोड से रायबरेली रोड, रायबरेली रोड से कानपुर रोड, कानपुर रोड से हरदोई रोड, हरदोई रोड से सीतापुर रोड और सीतापुर रोड से कुर्सी रोड के बीच में काम किया जा रहा है. यह काम 2024 से पहले पूरा हो जाएगा, जिसके बाद में आउटर रिंग रोड के किनारे नया लखनऊ बसाने की तैयारी की जाएगी. लखनऊ विकास प्राधिकरण भूमि अर्जन और अन्य कामों को जल्द ही शुरू कर देगा.
वहीं, आईआईएम से आउटर रिंग रोड स्थित रैथा अंडरपास के कायाकल्प को भी इस परियोजना के अंतर्गत पूरा किया जाएगा. इस प्रक्रिया में 8.4 किमी तक सड़क का चौड़ा करके इसे दो लेन का किया जाएगा.
इसके अलावा कनेक्टिविटी के लिए छह लेन वाली 20 किलोमीटर लंबी आउटर रिंग रोड भी है. पार्क के लिए रेल कनेक्टिविटी भी बेहतर है. पार्क से मलिहाबाद रेलवे स्टेशन महज 16 किलोमीटर दूर है जबकि लखनऊ रेलवे स्टेशन 40 किलोमीटर की दूरी पर है.
इस पार्क के शुरू होने के बाद करीब एक लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार मिलने का अनुमान है. अटारी गांव एनएच 20 और एसएच 20 से लगभग 20 किमी की दूरी पर है. इस पार्क के बन जाने से पूरे क्षेत्र को कनेक्टिविटी समेत भविष्य की जरूरतों के हिसाब से डेवलप किया जा रहा है.
इसके अलावा, लखनऊ अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से पार्क 45 किलोमीटर की दूरी पर है. इसके अलावा, कानपुर नोड पर समर्पित फ्रेट कॉरिडोर 95 किलोमीटर और अंतर्देशीय कंटेनर डिपो कानपुर में 111 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है.
पूरे क्षेत्र को कनेक्टिविटी समेत भविष्य की जरूरतों के हिसाब से विकसित किया जा रहा है. अटारी गांव एनएच-20 और एसएच-20 से लगभग 20 किलोमीटर दूर है. ये दोनों लखनऊ को सीतापुर और हरदोई से जोड़ने वाली चार लेन की सड़कें हैं. लखनऊ को हरदोई रोड से आउटर रिंग रोड तक जोड़ने वाले ग्रीन कॉरिडोर के दूसरे चरण का काम 60% पूरा हो चुका है.
लेख में दी गई ये जानकारी सामान्य स्रोतों से इकट्ठा की गई है. इसकी प्रामाणिकता की पुष्टि स्वयं करें. एआई के काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.