खुर्रमनगर फ्लाईओवर के बन जाने से इंजीनियरिंग कॉलेज चौराहे से शहीद पथ मोड़ तक का 15 किलोमीटर का सफर मात्र 10 मिनट में पूरा हो रहा है पहले इस दूरी को तय करने में करीब 40 मिनट का समय लगता था.
फ्लाईओवर का सबसे ज्यादा फायदा जानकीपुरम, अलीगंज, इंदिरानगर, गोमतीनगर और सीतापुर रोड के यात्रियों को हो रहा है. रोजाना करीब 5 लाख लोग इस मार्ग से गुजरते हैं और अब बिना जाम के तेज़ी से अपनी मंज़िल तक पहुंच सकते हैं.
खुर्रमनगर से इंदिरानगर जाने वाले लोगों को पहले भारी जाम का सामना करना पड़ता था. अब फ्लाईओवर के खुलने से लंबी कतारों और ट्रैफिक की समस्या से छुटकारा मिल गया है. इससे खासकर ऑफिस जाने वालों और छात्रों को बड़ी राहत मिली है.
यह फ्लाईओवर 2.5 किलोमीटर लंबा और चार लेन का है. इसमें दो लेन आने और दो लेन जाने के लिए बनाई गई हैं, जिससे वाहनों का आवागमन सुगम और तेज़ हो गया है.
इस फ्लाईओवर के निर्माण में 180 करोड़ रुपये खर्च किए गए. खास बात यह है कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने खुद इस पुल के निर्माण की मंजूरी दिलाने के लिए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को पत्र लिखा था.
मुंशीपुलिया फ्लाईओवर के साथ इसका सीधा जुड़ाव है, जिससे इस रूट पर सफर और भी आसान हो गया है. पहले मुंशीपुलिया से खुर्रमनगर जाने वालों को रिंग रोड से डायवर्ट होना पड़ता था अब वे सीधे अपनी मंज़िल तक पहुंच सकते हैं.
इस फ्लाईओवर के चालू होने से अयोध्या रोड से सीतापुर और इंदिरानगर जाने वाले यात्रियों के लिए सफर बेहद आसान हो गया है. अब उन्हें छोटे रास्तों में जाम से जूझने की जरूरत नहीं होगी.
इस फ्लाईओवर का एक हिस्सा कुकरैल नदी पर बना है, जिसे बनाने में इंजीनियरों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा. बारिश के कारण भी निर्माण कार्य में देरी हुई लेकिन अब पुल पूरी तरह बन चुका है.
पहले इस फ्लाईओवर को सिर्फ दिन में वाहनों के लिए खोला गया था लेकिन अब लाइटिंग का काम पूरा हो जाने के बाद इसे रात में भी चालू कर दिया गया है. इससे देर रात सफर करने वाले यात्रियों को भी सुविधा मिलेगी.
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