Shubhanshu Shukla: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने आगामी भारतीय-अमेरिकी स्पेस मिशन के लिए अपने सबसे युवा अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला का चयन प्राइम एस्ट्रोनॉट के रूप में किया है. शुक्ला उन चार भारतीय वायुसेना (IAF) अधिकारियों में से एक हैं, जिन्हें गगनयान के लिए चुना गया है.
ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की यात्रा करने वाले पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री के रूप में इतिहास रचने जा रहे हैं. वह इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में जाने वाले पहले भारतीय बनेंगे.
शुभांशु शुक्ला वहां पर एक्स-4 मिशन में पायलट की भूमिका में जाएंगे. इस मिशन को 2025 के वसंत से पहले स्पेसएक्स ड्रैगन अंतरिक्ष यान पर लॉन्च किया जाएगा.
पिछले साल ही शुभांशु शुक्ला को भारत के महत्वाकांक्षी स्पेस मिशन 'गगनयान' के लिए भी चुना गया था. नासा ने उनके नाम का एलान किया.
इस मिशन में शुभांश बतौर पायलट चुने गए हैं. वह नासा के 'स्पेस एक्स ड्रैगन' को अंतरिक्ष में ले जाएंगे. फ्लोरिडा स्थित नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर से यह स्पेसक्राफ्ट रवाना होगा.
वह एक प्राइवेट मिशन के तहत अंतरिक्ष में जाएंगे. इस साल अप्रैल से जून के बीच उनकी यह यात्रा शुरू होगी जो पूरे 14 दिनों की रहेगी. आइए जानते हैं 32 साल के शुभांशु शुक्ला के बारे में.
इस मिशन में चार लोग होंगे. यह मिशन नासा की पूर्व अंतरिक्ष यात्री पैगी व्हिटसन के नेतृत्व में अपना काम करेगा. पोलैंड से स्लावोज उज़्नान्स्की-विज़्निएव्स्की और हंगरी से टिबोर कापू भी इस मिशन में बतौर मिशन स्पेशिलस्ट के तौर पर जाएंगे.
प्रेस कॉन्फ्रेंस में पायलट शुभांशु ने कहा कि जिस मिशन पर वो जा रहे हैं, उसमें वह अपने साथ कुछ इंडियन फूड भी लेकर जाएंगे और अपने साथियों को भी खिलाएंगे. उन्होंने अंतरिक्ष में योग करने की भी बात कही. उन्होंने कहा, मैं वास्तव में बहुत उत्साहित हूं.
शुभांशु का जन्म 10 अक्टूबर 1985 को लखनऊ के त्रिवेणीनगर में हुआ. उनके पिता का नाम शंभुदयाल शुक्ला है. उन्होंने अपनी पढ़ाई अलीगंज से की. शुभांशु जून 2006 में लड़ाकू पायलट के रूप में भारतीय वायु सेना (IAF) में कमीशन प्राप्त किया. इसके बाद मार्च 2024 में ग्रुप कैप्टन बने.
शुभांशु Su-30 MKI, MIG-21, MiG-29, जगुआर, हॉक, डोर्नियर और An-32 सहित विभिन्न विमानों पर 2,000 से अधिक उड़ान की है.2019 में रूस के यूरी गगारिन कॉस्मोनॉट ट्रेनिंग सेंटर में अंतरिक्ष यात्री प्रशिक्षण लिया.
साल 2019 में शुभांशु शुक्ला को इसरो का बुलावा आया था. उन्होंने रूस के मॉस्को के स्टार सिटी में यूरी गगारिन कॉस्मोनॉट ट्रेनिंग सेंटर में कठोर प्रशिक्षण शुरू किया. एक साल की तैयारी का असर है कि वह अब अंतरिक्ष की उड़ान भरने को तैयार हैं.
कल्पना चावला और सुनीता विलियम्स दोनों ही भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री थीं. इससे पहले भारत की कल्पना चावला और सुनीता विलियम्स अंतरिक्ष में जा चुकी हैं. कल्पना चावला की मौत के बाद, नासा ने अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षा के लिए अपने प्रोटोकॉल में बदलाव किए थे.