Prayagraj Mahakumbh 2025: 1000 ई-रिक्‍शा की परेड, 8 घंटे में 10 हजार हैंड प्रिंटिंग, प्रयागराज महाकुंभ में बनेंगे चार वर्ल्‍ड रिकॉर्ड
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Prayagraj Mahakumbh 2025: 1000 ई-रिक्‍शा की परेड, 8 घंटे में 10 हजार हैंड प्रिंटिंग, प्रयागराज महाकुंभ में बनेंगे चार वर्ल्‍ड रिकॉर्ड

Prayagraj Mahakumbh 2025: प्रयागराज महाकुंभ 2025 में स्वच्छता और पर्यावरण के चार विश्व रिकॉर्ड बनाए जाएंगे, जिनमें ई-रिक्शा परेड और घाट-नदी की सफाई शामिल हैं, मांसाहार या शराब सेवन करने वाले पुलिसकर्मियों की ड्यूटी नहीं लगेगी.

Mahakumbh mela 2025

Prayagraj Mahakumbh 2025:  प्रयागराज में 2025 का महाकुंभ केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं होगा, बल्कि पर्यावरण और स्वच्छता के नए रिकॉर्ड बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी साबित होगा. इस बार महाकुंभ में चार अनूठे रिकॉर्ड बनाए जाएंगे, जिन्हें गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज कराने का लक्ष्य है. मेला प्रशासन की योजना है कि इस बार पूरी दुनिया को स्वच्छ और हरित महाकुंभ का संदेश दिया जाए.

रिकॉर्ड्स की परेड: 
पहला रिकॉर्ड, एक हज़ार ई-रिक्शों की परेड का होगा. यह परेड महाकुंभ की स्वच्छ और हरित पहल का प्रतीक होगी, जहां बैटरी से चलने वाले ई-रिक्शा पर्यावरण संरक्षण का संदेश देंगे यह कदम यह सुनिश्चित करेगा कि महाकुंभ के दौरान वायु प्रदूषण कम हो और यातायात को सुचारू रूप से चलाया जा सके.

दूसरा बड़ा रिकॉर्ड, एक साथ 15,000 लोगों द्वारा घाटों की सफाई का होगा. यह आयोजन घाटों की स्वच्छता को प्राथमिकता देने का अद्भुत उदाहरण बनेगा. हजारों लोग एकजुट होकर गंगा और यमुना के किनारों को साफ करेंगे, जो न केवल धार्मिक महत्व का हिस्सा है, बल्कि पर्यावरणीय जागरूकता का भी प्रतीक बनेगा.

तीसरा रिकॉर्ड, नदियों की सफाई से जुड़ा है. इसमें 300 लोग एक साथ नदी की सफाई करेंगे, जो भारत की पवित्र नदियों को संरक्षित और स्वच्छ रखने के संदेश को सशक्त बनाएगा. इस अभियान का उद्देश्य नदियों के प्रति समाज में जागरूकता फैलाना है.

चौथा और आखिरी रिकॉर्ड, गंगा पंडाल और मेला क्षेत्र में 8 घंटे के भीतर 10,000 लोगों द्वारा हैंड प्रिंटिंग का होगा. यह गतिविधि सांस्कृतिक और सामुदायिक एकता का प्रतीक बनेगी, जो महाकुंभ के आयोजन को एक यादगार और विश्वस्तरीय स्तर पर ले जाएगी.

स्वच्छता और निष्पक्षता का विशेष ध्यान:
महाकुंभ में सुरक्षा की दृष्टि से भी कई महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं. डीजीपी मुख्यालय ने महाकुंभ में तैनात होने वाले पुलिस बल के संबंध में स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए हैं. इसमें कहा गया है कि महाकुंभ में ड्यूटी पर तैनात होने वाले पुलिसकर्मियों का चरित्र निष्कलंक होना चाहिए. शराब पीने या मांसाहार का सेवन करने वाले पुलिसकर्मियों को इस महायोजना में शामिल नहीं किया जाएगा।.इसके साथ ही, उनकी सत्यनिष्ठा, छवि, और आम शोहरत पर विशेष ध्यान दिया जाएगा.

पुलिसकर्मियों की आयु सीमा पर भी सख्त निर्देश जारी किए गए हैं. आरक्षियों की अधिकतम उम्र 40 वर्ष, मुख्य आरक्षी की उम्र 50 वर्ष से अधिक और उपनिरीक्षक एवं निरीक्षक की उम्र 55 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए. साथ ही, कोई भी पुलिसकर्मी जो प्रयागराज का मूल निवासी है, उसे महाकुंभ में तैनात नहीं किया जाएगा, ताकि निष्पक्षता बनी रहे.

तैयारियों में तेजी:
महाकुंभ के आयोजन के लिए पुलिसकर्मियों की तैनाती तीन चरणों में की जाएगी. पहले चरण के लिए 10 अक्तूबर तक, दूसरे चरण के लिए 10 नवंबर तक, और तीसरे चरण के लिए 10 दिसंबर तक नाम भेजे जाएंगे. इस व्यवस्था का मुख्य उद्देश्य महाकुंभ में किसी भी प्रकार की अव्यवस्था से बचना और सुरक्षा को सुनिश्चित करना है.

निष्कर्ष:
प्रयागराज महाकुंभ 2025 का यह आयोजन न केवल धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण होगा, बल्कि पर्यावरण संरक्षण, स्वच्छता, और सामाजिक जागरूकता के क्षेत्र में भी एक मिसाल बनेगा. चार विश्व रिकॉर्ड्स के साथ यह आयोजन निश्चित रूप से दुनिया भर में एक नया इतिहास रचने की ओर अग्रसर है.

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