प्रेमानंद महाराज को हर कोई सुनना चाहता है. देश ही नहीं बल्कि दुनियाभर में उनके भक्त मौजूद हैं. मौजूदा दौर में प्रेमानंद महाराज को काफी प्रसिद्धी मिली है.
एक बार एक भक्त ने प्रेमानंद महाराज से पूछ लिया था कि उनके पास कितनी दौलत है. महाराज जी ने इसका जवाब देते हुए बताया कि वह कितनी संपत्ति के मालिक हैं.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, प्रेमानंद जी महाराज का कहना है कि उनके पास कोई निजी संपत्ति नहीं है. उनके पास किसी भी तरह की कोई अचल संपत्ति नहीं है.
उन्होंने कहा कि अगर कोई उनसे 10 रुपये भी मांग ले तो उनके पास वह भी देने के लिए नहीं है. वह पूरी तरह से एक संत का जीवन जीते हैं. वह किसी भी संपत्ति के मालिक नहीं हैं.
इतना ही नहीं प्रेमानंद महाराज के पास कोई अपना घर भी नहीं है. वह एक भक्त के फ्लैट में रहते हैं जहां उनके रहने और खाने का देखभाल उनके अनुयायी रखते हैं.
प्रेमानंद महाराज का कहना है कि जहां वह रहते हैं वहां उस घर का बिजली बिल भी उनके भक्त ही चुकाते हैं. वह नहीं चुकाते हैं.
वैसे तो प्रेमानंद महाराज को पैदल यात्रा करते हुए देखा जाता है. लेकिन कई बार वह एक ऑडी कार में भी बैठे दिख जाते हैं.
प्रेमानंद महाराज ने इसको लेकर स्पष्ट किया है कि यह उनकी निजी कार नहीं है. यह कार उनके कारसेवकों की है, जो उनके यात्रा करने के लिए इस्तेमाल करते हैं.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, प्रेमानंद महाराज के पास कोई मोबाइल फोन भी नहीं है. न ही उन्हें मोबाइल चलाना आता है. प्रेमानंद महाराज का कोई निजी बैंक अकाउंट भी नहीं है.
बता दें कि प्रेमानंद महाराज का असली नाम अनिरुद्ध कुमार पांडे है. उनका जन्म 1969 में कानपुर के सरसौल ब्लॉके अखरी गांव में हुआ था.
प्रेमानंद महाराज के पिता का नाम शंभू पांडे, उनकी माता का नाम रामा देवी, जो धर्मपरायण महिला थीं. प्रेमानंद महाराज बचपन से ही कई देवताओं के चालीसा का पाठ करते थे.
प्रेमानंद महाराज की शुरुआती शिक्षा गांव के ही एक स्कूल में हुई थी. पांचवीं कक्षा से ही उनका रुझान आध्यात्म की ओर बढ़ने लगा था. 9वीं कक्षा में पढ़ाई के दौरान सांसारिक त्याग कर आध्यात्मिक मार्ग पर चल पड़े थे.