वृंदावन में बन रहा चंद्रोदय मंदिर दुनिया का सबसे ऊंचा धार्मिक स्मारक बनने जा रहा है. इसकी ऊंचाई करीब 700 फीट होगी, जो दिल्ली के कुतुब मीनार से तीन गुना ज्यादा है.
इस मंदिर को बनाने में 700 करोड़ रुपये से अधिक खर्च हो रहे हैं. इसकी नींव इतनी मजबूत होगी कि यह 8 रिक्टर स्केल तक के भूकंप और 170 किमी प्रति घंटे की रफ्तार वाली आंधी को भी सहन कर सकेगा.
इस गगनचुंबी मंदिर में कुल 166 मंजिलें होंगी, जो किसी भी धार्मिक स्थल में पहली बार देखने को मिलेगा. इसकी सबसे ऊंची मंजिल को 'ब्रज मंडल दर्शन' नाम दिया गया है.
यह मंदिर 511 मजबूत पिलर्स पर खड़ा होगा, जिन पर 5 लाख टन वजन पड़ेगा. इसके निर्माण में आधुनिक इंजीनियरिंग और 4D तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है.
मंदिर में 12 वन विकसित किए जा रहे हैं, जो श्रीमद्भागवत और अन्य शास्त्रों में वर्णित वनस्पति के आधार पर तैयार किए जाएंगे. श्रद्धालुओं को यहां देवलोक और देवलीलाओं का अद्भुत अनुभव मिलेगा.
मंदिर इतना विशाल है कि अगर कोई श्रद्धालु पूरा भ्रमण करना चाहे तो उसे तीन से चार दिन का समय लग सकता है. इसमें लाइब्रेरी, श्रीकृष्ण थीम पार्क और लाइट एंड साउंड शो जैसी सुविधाएं होंगी.
मंदिर परिसर 70 एकड़ में फैला होगा, जिसमें विशाल पार्किंग और हेलीपैड की सुविधा होगी. यह मंदिर एक साथ 10,000 श्रद्धालुओं को दर्शन का अनुभव करा सकता है.
16 नवंबर 2014 को तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने इस मंदिर की आधारशिला रखी थी. उत्तर प्रदेश सरकार और इस्कॉन (ISKCON) इस परियोजना को साकार करने में जुटे हैं.
यह सिर्फ एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि आध्यात्मिक पर्यटन केंद्र भी बनेगा. श्रद्धालुओं को श्रीकृष्ण की जीवन लीलाओं का अद्भुत अनुभव मिलेगा, जिससे यह मंदिर सनातन संस्कृति की आधुनिक पहचान बनेगा.
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