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अमेरिका में 15 साल नौकरी की, कभी कम्‍प्यूटर साइंटिस्‍ट रहे चौधरी अजीत सिंह की राजनीति में कैसे हुई एंट्री?

रालोद के संस्‍थापक व पूर्व केंद्रीय मंत्री अजीत सिंह की कल 12 फरवरी को जयंती मनाई जाएगी. इस दौरान बागपत के छपरौली में अष्‍टधातु की 12 किलो की नौ फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण किया जाएगा. सीएम योगी के साथ चौधरी अजीत सिंह के बेटे जयंत चौधरी भी मौजूद रहेंगे. 

चौधरी अजीत सिंह के बारे में

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चौधरी अजीत सिंह के बारे में

बहुत कम लोग ही जानते है कि कभी कम्‍प्‍यूटर साइंटिस्‍ट रहे अजीत सिंह ने पिता के कहने पर राजनीति में कदम रखा था. आइये जानते हैं चौधरी अजीत सिंह के बारे में.... 

कौन थे चौधरी अजीत सिंह?

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कौन थे चौधरी अजीत सिंह?

जानकारी के मुताबिक, अजित सिंह का जन्म 12 फरवरी 1939 को मेरठ के भडोला गांव में हुआ था. शुरुआती पढ़ाई के बाद अजीत सिंह लखनऊ चले गए. यहां लखनऊ विश्‍वविद्यालय से बीएससी की पढ़ाई की. 

अमेरिका से पढ़ाई

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अमेरिका से पढ़ाई

इसके बाद अजीत सिंह इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने आईआईटी खड़गपुर चले गए. इंजीनियरिंग की पढ़ाई के बाद चौधरी साहब अमेरिका के इलिनाइस इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी से मास्टर ऑफ साइंस की पढ़ाई की. 

15 साल तक अमेरिका में नौकरी की

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15 साल तक अमेरिका में नौकरी की

इसके बाद चौधरी अजीत सिंह ने अमेरिका में ही 15 सालों तक नौकरी भी की. पेशे से कम्प्यूटर साइंटिस्ट रहे अजीत सिंह 1960 के दशक में आईबीएम के साथ काम करने वाले पहले भारतीय बने. 

राजनीति में कैसे हुई एंट्री

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राजनीति में कैसे हुई एंट्री

कहा जाता है कि जब चौधरी अजीत सिंह के पिता चौधरी चरण सिंह की तबीयत खराब रहने लगी तो अजीत सिंह भारत लौट आए. यहां 1980 में चौधरी चरण सिंह ने उन्हें लोकदल की कमान सौंप दी. 

पिता के कहने पर रखा कदम

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पिता के कहने पर रखा कदम

चौधरी चरण सिंह ने अजीत सिंह से कहा कि वह कारपोरेट में नौकरी करने के बजाय देश के किसानों और वंचितों की आवाज बनें. पिता की बात पर उन्‍होंने राजनीति में एंट्री की. 

पहली बार राज्‍यसभा पहुंचे

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पहली बार राज्‍यसभा पहुंचे

इसके बाद से ही चौधरी अजीत सिंह ने राजनीति में कदम रखा और पहली बार 1986 में उत्तर प्रदेश से राज्यसभा पहुंचे. साल 1987 में उन्‍हें लोकदल का अध्‍यक्ष बनाया गया. 

जनता पार्टी के अध्‍यक्ष बने

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जनता पार्टी के अध्‍यक्ष बने

इसके बाद वह साल 1988 में जनता पार्टी के अध्‍यक्ष घोषित किए गए. अजीत सिंह ने 1989 में पहली बार लोकसभा चुनाव बागपत सीट से चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की. 

आरएलडी पार्टी बनाई

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आरएलडी पार्टी बनाई

इसके बाद 1998 में अजीत सिंह इस सीट पर बीजेपी के नेता सोमपाल शास्त्री से चुनाव हार गए. इसके बाद उन्होंने अपनी पार्टी राष्ट्रीय लोकदल (आरएलडी) बनाई. 

लगातार जीते

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लगातार जीते

साल 1999 का चुनाव आया तो उन्होंने फ‍िर से चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की. इसके बाद से वे लगातार 2009 तक इस सीट पर जीतते चले आए. 

मोदी लहर में मिली थी हार

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मोदी लहर में मिली थी हार

साल 2014 में मोदी लहर में बीजेपी के सत्‍यपाल ने उन्‍हें चुनाव हरा दिया था. साल 2019 में उन्होंने मुजफ्फरनगर से लोकसभा चुनाव लड़ा था लेकिन हार का सामना करना पड़ा.