ऑस्‍ट्रेलिया में पढ़ता है तौकीर रजा का बेटा, संभल से बरेली तक युवाओं को आग में झोंक रहे मौलाना
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ऑस्‍ट्रेलिया में पढ़ता है तौकीर रजा का बेटा, संभल से बरेली तक युवाओं को आग में झोंक रहे मौलाना

Who is Maulana Tauqeer Raza: मौलाना तौकीर रजा को संभल जाते समय पुलिस ने हिरासत में ले लिया. मौलाना पहले भी अपने विवादित बयानों के चलते सुर्खियों में रह चुके हैं. 

Maulana Tauqeer Raza

Who is Maulana Tauqeer Raza: अपने बयानों को लेकर विवादों में रहने मौलाना तौकीर रजा संभल हिंसा को हवा देने की कोशिश कर रहे हैं. शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद मौलाना तौकीर रजा संभल के लिए रवाना हुए. पुलिस ने उन्‍हें हिरासत में ले लिया और संभल जाने से रोक लिया गया. संभल में डीएम ने हिंसा को देखते हुए बाहरी लोगों के प्रवेश पर रोक लगाया है. बावजूद इसके मौलाना तौकीर रजा संभल जाने की कोशिश कर रहे थे. इतना ही नहीं संभल हिंसा में मारे गए मृतकों को मौलाना ने शहीद का दर्जा दे दिया. 

कौन है मौलाना तौकीर रजा? 
मौलाना तौकीर रजा ने गुरुवार को सौदागर स्थित दरगाह आला हजरत आवास पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान उन्होंने संभल हिंसा को प्रायोजित बताया. मौलाना ने कहा कि जिनका काम देश का माहौल ठीक करने का है, वह माहौल बिगाड़ रहे हैं. संभल में दंगा नहीं हुआ है, संभल में पुलिस और प्रशासन और अदालत ने साजिश रच के इसको अंजाम दिया है. मारे गए मृतकों को शहीद बता द‍िया था.   
 
खुद की पार्टी भी बनाई 
इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल (आईएमसी) के मौलाना तौकीर रजा सुन्नी मुसलमानों से ताल्लुक रखते हैं. वह दुनिया भर में प्रसिद्ध आला हजरत खानदान से आते हैं, जिन्होंने इस्लाम धर्म के सुन्नी बरेलवी मसलक की शुरुआत की थी. राजनीति में आने वाले तौकीर रजा इस परिवार के पहले सदस्य हैं. मौलाना ने साल 2001 में अपनी पॉलिटिकल पार्टी इत्तेहाद-ए-मिल्लत परिषद की स्थापना की थी. अपने पहले ही चुनाव में उनकी पार्टी ने नगरपालिका की 10 सीटें जीती थीं.  साल 2009 में रजा ने कांग्रेस पार्टी ज्वाइन की थी. 

सपा-बसपा सबके साथ रहे 
बरेली में हुए हिंदू-मुस्लिम दंगों में तौकीर रजा को पुलिस ने आरोपी बनाते हुए गिरफ्तार किया था. साल 2012 के विधानसभा चुनाव में तौकीर रजा ने समाजवादी पार्टी का समर्थन किया. उनकी पार्टी ने भोजीपुरा से चुनाव भी जीता. इसके बाद साल 2013 में सपा सरकार ने तौकीर रजा को हथकरघा निगम के उपाध्यक्ष का चार्ज दिया था, जिसे मुजफ्फरनगर दंगों के बाद उन्होंने वापस कर दिया. इसके बाद में उन्होंने सपा से भी इस्तीफा दे दिया. कई बार मौलाना की बेशुमार संपत्ति पर भी सवाल उठाए गए. मौलाना का बेटा ऑस्‍ट्रेलिया में रहकर पढ़ाई करता है.  

विवादों से पुराना नाता 
साल 2014 में मौलाना तौकीर रजा ने मायावती की बसपा को समर्थन दिया. साल 2015 में उन्होंने ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (जेडेड) का गठन किया. तौकीर रजा का विवादों से पुराना नाता रहा है. उन्होंने द्रौपदी को लेकर साल 2017 में एक विवादित बयान दिया था.  2022 में बरेली में मुसलमानों को संबोधित करते हुए उन्होंने हिंदुओं को कथित तौर पर धमकी दी थी. ज्ञानवापी में कथित शिवलिंग मिलने पर तौकीर रजा ने कहा था कि फव्वारे को शिवलिंग समझकर धर्म और कानून का मजाक उड़ाया जा रहा है. उन्होंने कहा था सरकार हर मस्जिद को मंदिर बनाना चाहती है. 

 

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