यूपी में नगर निगम और नगरपालिका अध्यक्षों का कार्यकाल खत्म, जानें कैसे चलेगा नगर निकायों में प्रशासनिक कामकाज
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यूपी में नगर निगम और नगरपालिका अध्यक्षों का कार्यकाल खत्म, जानें कैसे चलेगा नगर निकायों में प्रशासनिक कामकाज

UP Nagar Nikay Chunav 2022 : उत्तर प्रदेश में नगर निकाय चुनाव जनवरी में होने थे, लेकिन ओबीसी आरक्षण के लिए ट्रिपल टेस्ट की प्रक्रिया का पालन करने पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बिना आरक्षण चुनाव कराने का आदेश पारित किया था. सुप्रीम कोर्ट से योगी सरकार को राहत मिली थी.

 

 

Nagar Nigam Election 2022 in UP

UP Nagar Nikay Chunav 2022 : उत्तर प्रदेश सरकार ने नगरीय निकाय नगर निगम नगर पालिका और नगर पंचायतों के निर्वाचित सदस्यों का कार्यकाल खत्म होने के बाद बनने वाली त्रिस्तरीय समिति की जिम्मेदारी तय कर दी है. समिति नगर निगम नगर पालिका कर्मचारियों के वेतन के साथ ही हर जरूरी प्रशासनिक कामकाज काम करेगी. हालांकि समिति कोई नीतिगत फैसला नहीं कर पाएगी.

प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात ने 4 जनवरी को जारी आदेश को संशोधित करते हुए नया शासनादेश जारी कर दिया है. इसमें कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुज्ञा याचिका उत्तर प्रदेश सरकार बनाम वैभव पांडेय व अन्य में पारित आदेश के अनुपालन में निर्णय लिया गया है. नगरीय निकायों में प्रशासनिक और वित्तीय अधिकारों के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में एक त्रिसदस्यीय समिति का गठन किया जाएगा. यह समिति केवल दैनिक प्रशासनिक कामों और पूर्व से चल रहे विकास कार्यों का देखरेख और क्रियान्वयन करेगी. कोई भी नया काम नहीं किया जाएगा.

दरअसल, नगर पालिका अध्यक्ष, नगर निगम के मेयर यानी महापौर और नगर पंचायत अध्यक्ष और सभासद/पार्षद के कार्यकाल खत्म होने के बाद ये चिंता लोगों में आई है कि क्या उनके वार्ड में हो रहे विकास कार्य ठप पड़ जाएंगे. अगर उनके वार्ड में धनराशि आवंटित हो गई है तो नाली, खड़ंजा, सीवर लाइन, पाइप लाइन आदि का कार्य पूरा नए नगर निकाय चुनाव तक पूरा होगा या नहीं. नगरपालिका ठेकेदारों में भी यह डर व्याप्त हो गया है कि विकास कार्यों के मिलने वाली राशि कहीं लंबे समय के लिए अटक तो नहीं जाएगी.

सरकार ने हाईकोर्ट के फैसले के बाद ओबीसी आरक्षण में ट्रिपल टेस्ट की प्रक्रिया के अनुपालन के लिए पांच सदस्यीय आय़ोग गठित कर दिया है. आयोग ने मंडलवार बैठकें भी शुरू कर दी हैं. इसकी पहली बैठक गाजियाबाद में पिछले हफ्ते हुई है. जिलाधिकारियों से यह पूछा गया है कि 1997 के बाद से अब तक निकाय चुनाव में कितने अन्य पिछड़ा वर्ग के उम्मीदवार जीते हैं. कितने प्रत्याशियों ने चुनाव लड़ा है. उनके जिले में ओबीसी जातियों की संख्या कितनी है. 

प्रदेश में लखनऊ नगर निगम, कानपुर नगर निगम, वाराणसी नगर निगम, गोरखपुर नगर निगम, गाजियाबाद नगर निगम समेत कुल 17 नगर निगम हैं. साथ ही 200 नगरपालिका और 545 नगर पंचायतें हैं. 

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