दरअसल, बाराबंकी से लखीमपुर खीरी के रोड को अयोध्या हाईवे के सफेदाबाद के पास से निकाला जाएगा. सफेदाबाद से निकलने वाला यह फोरलेन हाईवे करीब नौ किलोमीटर की दूरी में ग्रीन फील्ड के रूप में बनाया जाएगा.
हाईवे के दोनों तरफ केवल खेती योग्य जमीनें ही हैं. इस हाईवे को चंदौली गांव के पास देवा-फतेहपुर-महमूदाबाद रोड से जोड़ा जाएगा. यह स्थान पुराने देवा रोड का पांचवें किमी पर होगा.
इस रोड को फोरलेन करके देवा की मामापुर नहर पुल तक शारदा नहर के किनारे से फोरलेन की शक्ल में कांशीराम कॉलोनी के पास ले जाकर फिर पुराने रोड में जोड़ा जाएगा.
यह हाईवे सलारपुर के पास से पुराने रोड को ही फोरलेन करते हुए वाया विशुनपुर, फतेहपुर, महमूदाबाद होकर लखीमपुर तक जाएगा. इतना ही नहीं PWD के स्टेट हाईवे ने एक और दूसरा विकल्प भी तैयार किया है.
इसके मुताबिक, चिनहट से देवा तक के रोड को माती के पास से फोरलेन तैयार करने की योजना है. इसे टाटा फैक्ट्री के पास से आउटर रिंग रोड से जोड़ कर आगे बढ़ाया जा सकता है.
इसके बाद देवा में बाईपास देकर कांशीराम कॉलोनी के पास पुराने रोड में जोड़ा जा सकता है. अधिकारियों ने बताया कि लखीमपुर हाईवे की शुरुआत के दो विकल्प प्रारंभिक अध्ययन के साथ केंद्र सरकार को मंजूरी के लिए भेजा है.
केंद्र सरकार से हरी झंडी मिलने के बाद तय रूट को फोरलेन किया जाएगा. इसके बाद जल्द ही हाईवे के निर्माण का भी काम शुरू कर दिया जाएगा.
बता दें कि वहीं, बाराबंकी से वाया फतेहपुर के लखीमपुर हाईवे के दूसरे फेज के किमी 19 से 39 तक को पहले ही मंजूरी मिल चुकी है. इसे बनाने में करीब 650 करोड़ का खर्च आया है. 220 करोड़ रुपये जमीन खरीद में खर्च किए गए.
इस हाईवे पर दूसरे फेज के हिस्से में विशुनपुर के पास करीब सवा चार किमी लंबे बाईपास और फतेहपुर में पौने छह किमी के बाईपास रोड निर्माण का भी किया गया है. फतेहपुर में बाईपास रोड पर रेलवे ट्रैक के पास एक आरओबी भी बनेगा.
दूसरे फेज में एक बड़ा पुल, 11 छोटे पुल भी बनाएं जाएंगे. इसमें आने वाली 16 गांवों की निजी जमीनों का भी अधिग्रहण किया जाएगा. इनमें सात गांवों में संयुक्त सर्वे का काम पूरा कर लिया गया है.
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