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Dussehra Shastra Pujan Timing: दशहरा पर इस समय करें शस्‍त्र पूजन, जानें सही डेट, पूजा विधि और नियम

नवरात्रि के बाद कल दशहरा यानी विजयदशमी मनाई जाएगी. दशहरा पर रावण दहन की परंपरा है. साथ ही दशहरा के दिन हथियार या औजार की भी पूजा की जाती है. तो आइये जानते हैं हथियारों की पूजा क्‍यों होती है और इस बार शस्‍त्र पूजन का शुभ मुहूर्त क्‍या है?.   

शस्‍त्र पूजन की परंपरा

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शस्‍त्र पूजन की परंपरा

पंचांग के अनुसार इस बार दशहरा आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाएगा. दशहरा कल शनिवार को सुबह 10:58 बजे शुरू होगा और रविवार, 13 अक्टूबर को सुबह 09:09 बजे तक रहेगा. 

शस्‍त्र पूजन करें

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शस्‍त्र पूजन करें

दशहरा पर शस्‍त्र यानी औजारों का पूजन का शुभ मुहूर्त दोपहर 02:03 बजे से 02:49 बजे तक रहेगा. 

दोपहर बाद ये भी समय

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दोपहर बाद ये भी समय

साथ ही शनिवार सुबह 11.50 बजे से दोपहर 12.36 बजे तक भी पूजन किया जा सकता है. इसके अलावा दोपहर 12.13 बजे से दोपहर 01.39 बजे तक भी मुहूर्त है. 

शस्‍त्र पूजन का शुभ मुहूर्त

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शस्‍त्र पूजन का शुभ मुहूर्त

पंचांग के मुताबिक, अमृत ​​मुहूर्त दोपहर 03 बजकर 06 मिनट से शाम 04 बजकर 33 मिनट तक है. इस समय शस्‍त्र पूजन किया जा सकता है. 

देवी मां की तस्‍वीर लगाएं

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देवी मां की तस्‍वीर लगाएं

दशहरे के दिन सुबह स्नान करके शुभ मुहूर्त में किसी साफ जगह पर देवी की तस्वीर रखें. घर में अस्त्र-शस्त्रों को देवी की तस्वीर के सामने व्यवस्थित करके रखें. 

दीपक जलाएं

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दीपक जलाएं

इसके बाद घर के बर्तनों पर गंगा जल छिड़क कर पवित्र करें. फ‍िर लाल धागा बांधकर हल्दी-कुमकुम लेकर दीपक जलाएं. देवी को प्रसाद का भोग लगाएं. 

इस मंत्र का जाप

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इस मंत्र का जाप

शस्‍त्र पूजन के दौरान आप अश्विनस्य सीते पक्षे दशमयां तारकोदये. स कालो विजयो ज्ञेय: सर्वक्यार्थसिद्धये मंत्र का जाप भी कर सकते हैं. 

शस्त्र पूजन क्यों होती है?

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शस्त्र पूजन क्यों होती है?

पुराणों के मुताबिक, प्राचीन काल में महिषासुर नाम का एक राक्षस था. उसने देवताओं को हरा दिया था. उस समय त्रिदेव ने अपनी शक्ति से एक शक्ति की रचना की. 

महिषासुर का वध

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महिषासुर का वध

इस शक्ति को देवी दुर्गा का नाम दिया गया. देवताओं ने देवी को अपने सभी हथियार देकर शक्तिशाली बना दिया. इन्हीं देवी ने महिषासुर का वध किया था.