Eid al-Fitr 2024 Video: भारत में 10 अप्रैल को चांद का दीदार हुआ इस हिसाब से 11 अप्रैल को ईद की नमाज अदा की जाएगी.भा रत में 10 अप्रैल को चांद देखा गया.
अपनों को ऐसे दें ईद की बधाई, व्हाट्सएप स्टेटस और इंस्टा स्टोरी पर लगाएं ये तस्वीरें
भारत में 10 अप्रैल को चांद का दीदार हुआ इस हिसाब से 11 अप्रैल को ईद की नमाज अदा की जाएगी.भारत में 10 अप्रैल को चांद देखा गया.
अपनी और अपनों की ईद को खास बनाने के लिए हम आपके लिए यहां कुछ बेहतरीन शायरी लेकर आए हैं. इस ईद उल फितर के मौके पर भेजें ये खास शेर. दोस्त ही नहीं दुश्मन भी आकर लगा लेगा गले....
इस्लाम धर्म में ईद का त्योहार सबसे बड़ा माना जाता है. हर मुसलमानों के लिए यह दिन बड़ा खास होता है. यह दिन रमाजान के पवित्र महीने की बाद आता है. ईद के दिन मुसलमान ईदगाह में पहुंचकर ईद की नमाज अदा करते हैं. इसके बाद लोग एक दूसरे को गले लग कर बधाई देते हैं. ईद के दिन अच्छे-अच्छे पकवान बनते हैं. लोग एक दूससरे के घर पर जाते हैं.
ईद के मौके पर पर बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक को गले लगाकर इस खास त्योहार की बधाई दी जाती है. हम यहां आपके लिए कुछ खास शेर लेकर आएं हैं आप इनको अपनों को भेजकर ईद की मुबारकबाद दे सकते हैं.
तुझ को मेरी न मुझे तेरी ख़बर जाएगी ईद अब के भी दबे पांव गुज़र जाएगी
वादों ही पे हर रोज़ मिरी जान न टालो है ईद का दिन अब तो गले हम को लगा लो
हम ने तुझे देखा नहीं क्या ईद मनाएं जिस ने तुझे देखा हो उसे ईद मुबारक
जिस तरफ़ तू है उधर होंगी सभी की नज़रें ईद के चांद का दीदार बहाना ही सही
कहते हैं ईद है आज अपनी भी ईद होती हम को अगर मयस्सर जानाँ की दीद होती
ईद का दिन है गले आज तो मिल ले ज़ालिम रस्म-ए-दुनिया भी है मौक़ा भी है दस्तूर भी है
महक उठी है फजा पैरहन की खुशबू से चमन दिलों का खिलाने को ईद आई है
जो लोग गुज़रते हैं मुसलसल रह-ए-दिल से दिन ईद का उन को हो मुबारक तह-ए-दिल से
ईद को भी वो नहीं मिलते हैं मुझ से न मिलें इक बरस दिन की मुलाकात है ये भी न सही
राहतों से लगे सदमे भी हैं दिल को मजबूत बना कर रखिए ईद का दिन है गले मिल लीजे इख्तिलाफात हटा कर रखिए
है ईद का दिन आज तो लग जाओ गले से जाते हो कहां जान मिरी आ के मुकाबिल
ईद में ईद हुई ऐश का सामां देखा देख कर चाँद जो मुंह आप का ऐ जां देखा
किसी की याद मनाने में ईद गुजरेगी सो शहर-ए-दिल में बहुत दूर तक उदासी है
शहर खाली है किसे ईद मुबारक कहिए चल दिए छोड़ के मक्का भी मदीना वाले