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रोमांच से भर देंगे ये संग्रहालय, यूपी के इन म्यूजियम में मिलेगा बौद्ध से लेकर मुगल काल का इतिहास

रोमांच से भर देंगे ये संग्रहालय, यूपी के इन म्यूजियम में मिलेगा बौद्ध से लेकर मुगल काल का इतिहास

रोमांच से भर देंगे ये संग्रहालय, यूपी के इन म्यूजियम में मिलेगा बौद्ध से लेकर मुगल काल का इतिहास

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रोमांच से भर देंगे ये संग्रहालय, यूपी के इन म्यूजियम में मिलेगा बौद्ध से लेकर मुगल काल का इतिहास

पांचाल म्यूजियम, बरेली

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पांचाल म्यूजियम, बरेली

इस संग्रहालय ने हजारों साल पुरानी इतिहास की कलाकृतियों को सेज कर रखा गया है. पांचाल संग्रहालय की शुरुआत 1985 में हुई थी. यहा पर अब तक कई प्राचीन मूर्तियां, बर्तन और सिक्के ढूंढ कर इकट्ठा किए हैं. यह संग्रहालय सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे तक खुलता हैं. 

राहुल संग्रहालय, गोरखपुर

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राहुल संग्रहालय, गोरखपुर

इसकी स्थापना 1957 में हुई. म्यूजियम मंगलवार से रविवार सुबह 10 से शाम 6 बजे तक खुला रहता है. यह गोरखपुर में हैं. 

रानी महल संग्रहालय, झाँसी

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रानी महल संग्रहालय, झाँसी

झाँसी संग्रहालय में हथियारों, टेराकोटा, मूर्तियों, परिधानों, काँस्य, चाँदी, सोने और तांबे के सिक्कों और मूर्तियों का प्रदर्शन देखने को मिलता है. इसे सन 1971 में झाँसी में स्थापित किया गया है. सुबह 10:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक खुलता है लेकिन सोमवार के दिन यह बंद रहता है. 

लोक कला संग्रहालय, लखनऊ

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लोक कला संग्रहालय, लखनऊ

1952 में देवा लाल समर ने इसकी स्थापना की थी. यहाँ कई सांस्कृतिक वस्तुएँ और कलाकृतियाँ हैं जो मेवाड़ी क्षेत्र की समृद्ध विरासत का प्रमाण हैं. पर्यटक इनमें से किसी भी दिन सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक आ सकते है. यहा संग्रहालय लखनऊ में स्थित हैं. 

बौद्ध संग्रहालय, गोरखपुर

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बौद्ध संग्रहालय, गोरखपुर

यह संग्रहालय गोरखपुर के रामगढ़ ताल के किनारे बना हुआ है. सन 1993-94 में राजकीय बौद्ध संग्रहालय की स्थापना की गयी. बौद्ध संग्रहालय के अंदर बौद्ध कलाकृतियां और जैन कलाकृतियों को सजा कर रखा गया है. यह सुबह 10 बजे खुल जाता हैं. 

राजकीय जैन संग्रहालय, मथुरा

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राजकीय जैन संग्रहालय, मथुरा

जैन संग्रहालय की स्थापना 1861 में मथुरा में हुई थी. लेकिन 1881 में यह जनता के लिए खोला गया था. आप यहां सुबह 10:30 बजे से शाम 4:30 बजे तक आ सकते है पर रविवार को यह बंद रहता है. इसमे जैन धर्म से संबंधित कलाकृतियों है. 

भारत कला भवन संग्रहालय, वाराणसी

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भारत कला भवन संग्रहालय, वाराणसी

इसकी स्थापना संन 1920 में हुई थी. इस संग्रहालय में लगभग 1 लाख से भी अधिक कलाकृतिया हैं. जिसमें मूर्तियाँ, सिक्के, चित्र, वसन, शाही फरमान, आभूषण, हाथी दाँत की कृतियाँ, धातु की वस्तुएँ इत्यादि हैं. यह सुबह 7:30 बजे से दिन के 1 बजे तक खुलता है. यह बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के पास है.

स्टेट म्यूजियम, लखनऊ

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स्टेट म्यूजियम, लखनऊ

राज्य संग्रहालय की स्थापना साल 1865 में अंग्रेज अफसर और तत्कालीन कमिश्नर कर्नल अलबर्ट ने की थी. इस म्यूजियम में एक लाख से ज्यादा कलाकृतियां मौजूद हैं. यह सोमवार को बंद रहता है. बाकि आप यहां सुबह 10:30 बजे से शाम 4:30 बजे तक आ सकते है. इसमें लोग पूर्वजों की पांडुलिपियां, रत्न, पेंटिंग, रॉकआर्ट, किताबें आदि देखने जाते हैं. यह नारही, हजरतगंज, लखनऊ में है.  

मथुरा म्यूजियम, मथुरा

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मथुरा म्यूजियम, मथुरा

इस संग्रहालय की स्थापना 1874 में की गई थी. हालांकि साल 1912 में सरकार ने इसे अपने अधिकार में लिया था. यह सोमवार को बंद रहता है. बाकि आप यहां सुबह 10:30 बजे से शाम 4:30 बजे तक आ सकते है. यहां कलाकृतियाँ, मिट्टी के बर्तन, मूर्तियां, पेंटिंग और सिक्के देखने लायक हैं. यह म्यूज़ियम रोड, डैम्पियर नगर, मथुरा में है. 

सारनाथ संग्रहालय, वाराणसी

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सारनाथ संग्रहालय, वाराणसी

इस म्यूजियम की स्थापना साल 1904 में हुई थी. यह शुक्रवार को छोड़कर सभी दिन सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक खुलता है. यहां देखने लायक चीजों में 5वीं शताब्दी की बुद्ध की एक मूर्ति है. इस संग्रहालय का सबसे प्रसिद्ध प्रदर्शन अशोक का सिंह स्तंभ है.