Superfood: सुपरफूड मानवीय शरीर को सूजनरोधी और एंटीऑक्सीडेंट के साथ वह सभी आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करता है. जिनसे हमें प्रदूषण के बुरे प्रभाव में अपने फेफड़े सुरक्षित और मजबूत रखने में मदद मिलती है.
साबुत अनाज के अंदर ओट्स, क्विनोआ और ब्राउन राइस जैसे खाद्य पदार्थ आते हैं. इनमें भरपूर मात्रा में फाइबर होता है. इनमें मौजूद मैग्नीशियम, सेलेनियम और एंटीऑक्सिडेंट जैसे आवश्यक पोषक तत्व भी होते हैं. ये सभी हमारे फेफड़ों और हृदय को प्रदूषण से होने वाले नुकसान से बचाने में मदद करते हैं.
पालक के अंदर विटामिन सी, बीटा-कैरोटीन और ल्यूटिन जैसे एंटीऑक्सीडेंट होते हैं. जो हमें वायु प्रदूषण के कारण होने वाले दुष्प्रभावों से लड़ने में मदद करते हैं. इसके अंदर फोलेट और आयरन भी होता है. जोकि रक्त में ऑक्सीजन का फ्लो बनाने में बहुत महत्वपूर्ण होता है.
लहसुन में एलिसिन जैसे सल्फर यौगिक होते हैं. इसके अंदर शक्तिशाली सूजनरोधी और एंटीऑक्सीडेंट गुण मौजूद होते हैं. इसकी मदद से हमारे शरीर को डिटॉक्सीफाई करने में काफी मदद मिलती है.
हल्दी में करक्यूमिन नाम का एक शक्तिशाली सूजनरोधी यौगिक होता है. जो वायु प्रदूषण के कारण होने वाली फेफड़ों की सूजन को कम करने में मदद करता है. हल्दी का नियमित सेवन हमारी इम्यूनिटी को बढ़ाता है.
अलसी, अखरोट और मछली जैसे खाद्य पदार्थों में ओमेगा-3 फैटी एसिड भरपीर मात्रा में पाया जाता है. यह हमारे फेफड़ों और हृदय प्रणाली में सूजन को कम करता है. ओमेगा-3 फेफड़ों की कार्यक्षमता को भी बढ़ाता है.
काली मिर्च एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है. जो शरीर को डिटॉक्सीफाई करने में सहायता करती है. यह हल्दी जैसे अन्य सुपरफूड्स की शक्ति को बढ़ा देती है. इसके कारण प्रदूषण से संबंधित होने वाले नुकसान से निपटने में हमारे शरीर की प्रभावशीलता बढ़ जाती है.
ग्रीन टी के अंदर एंटीऑक्सीडेंट की मात्रा भरपूर होती है. जिससे शरीर को डिटॉक्सीफाई करने और प्रदूषण के कारण होने वाली सूजन को कम करने में मदद मिलती है. यह फेफड़ों की कार्यक्षमता को बढ़ाने में भी मदद करती है.
मोरिंगा एक पोषक तत्वों का पावरहाउस है. इसके नियमित सेवन से फेफड़ों की रक्षा होती है. जिसके कारण वायु प्रदूषण से निपटने के लिए शरीर की क्षमता को बढ़ जाती है.
अलसी के बीज में ओमेगा-3 फैटी एसिड की भरपूर मात्रा होती है. इससे फेफड़ों की सूजन को कम करने और वायु प्रदूषण से होने वाले ऑक्सीडेटिव नुकसान से बचने में मदद मिलती है. अलसी के बीजों के नियमित सेवन से सांस लेने की क्रिया में सुधार होता है.
ब्लूबेरी और स्ट्रॉबेरी जैसे जामुन विटामिन सी जैसे एंटीऑक्सीडेंट से भरे होते हैं. इनके नियमित सेवन से फेफडों की सेहत बहुत जोरदार रहती है.
यहां बताई गई सारी जानकारी विभिन्न स्रोतों से एकत्रित की गई है. यह केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है और इसे योग्य चिकित्सा पेशेवरों द्वारा प्रदान की गई सलाह का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए.