गंगा एक्सप्रेसवे और जेवर एयरपोर्ट के बीच नया एक्सप्रेसवे न सिर्फ दूरी को कम करेगा, बल्कि यात्रा को भी आसान और सुगम बनाएगा.
करीब 76 किलोमीटर लंबा यह नया एक्सप्रेसवे 4415 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जाएगा. गंगा एक्सप्रेसवे को जेवर एयरपोर्ट से जुड़ने के बाद औद्योगिक, व्यापारिक और पर्यटन गतिविधियों को फायदा होगा.
बता दें कि अभी लोगों को दिल्ली या अन्य जटिल रास्तों से होकर गुजरना पड़ता है. नया एक्सप्रेसवे बनने से यात्रा सुगम हो जाएगी. साथ ही औद्योगिक और व्यापारिक विकास में भी तेजी आएगी.
नोएडा, ग्रेटर नोएडा और आसपास के इलाकों में पहले से ही कई औद्योगिक क्षेत्र मौजूद हैं. नए एक्सप्रेसवे से औद्योगिक क्षेत्रों को बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी. इससे रोजगार के अवसर भी मिलेंगे.
जेवर एयरपोर्ट से विदेशी और घरेलू उड़ानों से पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी. गंगा एक्सप्रेसवे से पर्यटक यूपी के धार्मिक क्षेत्रों का भ्रमण कर सकेंगे.
नया एक्सप्रेसवे बनने से मेरठ, बुलंदशहर, अलीगढ़, नोएडा और ग्रेटर नोएडा के लोगों को सीधे फायदा होगा. किसानों और व्यापारियों के लिए यह एक बड़ा तोहफा होगा.
नया लिंक एक्सप्रेसवे नोएडा और बुलंदशहर के 57 गांवों से होकर गुजरेगा. इस एक्सप्रेसवे के बनने से नोएडा, बुलंदशहर और मेरठ के लोगों को फायदा तो होगा ही साथ ही नोएडा से प्रयागराज जाने में भी सुविधा होगी.
नोएडा से बुलंदशहर होते हुए मेरठ तक जाने वाले इस एक्सप्रेसवे के निर्माण पर 4 हजार करोड़ रुपये का खर्चा आएगा. माना जा रहा है कि गंगा एक्सप्रेसवे शुरू होने के बाद इसमें तेजी आएगी.
नोएडा और बुलंदशहर के 57 गांवों की जमीन इस प्रस्तावित लिंक एक्सप्रेसवे के लिए चिन्हित की गई है. एक्सप्रेसवे के लिए 1000 हेक्टेयर जमीन की आवश्यकता होगी. यह जमीन किसानों से खरीदी जाएगी या अधिग्रहीत होगी.
गंगा एक्सप्रेसवे से आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे तक वाया फर्रुखाबाद एक नया लिंक एक्सप्रेसवे बनाने और चित्रकूट लिंक एक्सप्रेसवे भी बन सकते हैं.
लिंक एक्सप्रेसवे गंगा एक्सप्रेसवे के 44 किमी प्वाइंट से शुरू होगा. यह बुलंदशहर और गौतमबुद्ध नगर के 68 गांवों से होकर गुजरेगा. इसमें 17 गांव गौतमबुद्ध नगर और तीन गांव न्यू नोएडा में हैं.
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