भगवान श्रीकृष्ण की नगरी मथुरा-वृंदावन दुनियाभर में धार्मिक पर्यटन के लिए प्रसिद्ध है. यहां भगवान श्रीकृष्ण के दर्शन के लिए दूर-दूर से भक्त आते हैं.
मथुरा को भगवान श्रीकृष्ण की जन्मस्थली कहा जाता है. यहां श्रीकृष्ण मंदिर के अलावा भी कई जगह हैं जहां, घूमा जा सकता है.
इन्हीं में से एक है दाऊजी मंदिर, जो अपनी पारंपरिक भारतीय शैली की अनूठी वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है.
मथुरा से लगभग 18 किलोमीटर दूर यह मंदिर 1535 ईस्वी से लेकर 5000 वर्षों से भी पुराना बताया जाता है.
यह शहर के सबसे पुराने मंदिरों में से एक है, मंदिर के इष्टदेव भगवान बलराम हैं, जो भगवान कृष्ण के बड़े भाई थे.
दाऊजी मंदिर भक्तों, विशेषकर भगवान कृष्ण और भगवान बलराम के अनुयायियों के लिए अत्यधिक धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व रखता है.
मंदिर के परिसर में मेन मंदिर के अलावा भी कई इमारतें शामिल हैं. मुख्य मंदिर का आगे का भाग संगमरमर, नक्काशी और सजावट से सुसज्जित है.
मुख्य गर्भगृह के अंदर, दीवारों पर सुंदर कलाकृतियां और साथ ही भगवान बलराम और उनकी पत्नी रेवती की सुसज्जित मूर्तियां प्रदर्शित हैं.
दाऊजी मंदिर परिसर में एक समीपवर्ती दरबार है, जहां एक छोटा मेहराबदार कक्ष है, जिसके बारे में माना जाता है कि यह भगवान के अवतरण के बाद उनका निवास स्थान था.
दाऊजी मंदिर में होली धूमधाम से मनाई जाती है. यहां होली की परंपरा लगभग 500 साल पुरानी है, जब इस गांव में दाऊजी महाराजा मंदिर की स्थापना की गई थी.