आगरा लखनऊ एक्सप्रेसवे-पूर्वांचल एक्सप्रेसवे को लिंक एक्सप्रेसवे से लिंक किया जाएगा. यह लिंक एक्सप्रेसवे करीब 49.8 किलोमीटर लंबा है. इससे यात्रियों को खासा फायदा मिलने वाला है.
आगरा-लखनऊ और पूर्वांचल एक्सप्रेसवे को जोड़ने वाले इस महत्वपूर्ण परियोजना को सीएम योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई बैठक में हरी झंडी दिखाई जा चुकी है.
बीते साल सिंतबर में हुई बैठक के बाद इस लिंक एक्सप्रेसवे के निर्माण को लेकर अमलीजामा पहनाया जाना शुरू हो गया था. शासन ने इस 49.8 किलोमीटर लंबे लिंक एक्सप्रेसवे के लिए 500 करोड़ रुपये जमीन खरीदने के लिए मंजूर किए थे.
इस लिंक एक्सप्रेसवे के रूट की बात करें तो यह आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर मौजूद बहरू से शुरू होगा और पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर स्थित महुराकलां में समाप्त होगा. इसकी कुल लंबाई करीब 49.8 किलोमीटर होगी.
इस लिंक एक्सप्रेसवे को प्रवेश नियंत्रित ग्रीन फील्ड लिंक एक्सप्रेसवे के रूप में बनाने की उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवेज औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) की योजना है.
इस लिंक एक्सप्रेस को बनाने की जिम्मेदारी यूपीडा (उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवेज औद्योगिक विकास प्राधिकरण) के पास है. जिसने लिंक एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए जमीन खरीने के प्रस्ताव शासन को भेजा था.
इसकी विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) को लेकर काम तेज है. जानकारी के मुताबिक मेसर्स एमएस पार्क फ्यूचरिस्टिक कंपनी को इसका डीपीआर तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई है.
इस लिंक एक्सप्रेसवे के बन जाने के बाद पूर्वांचल से लखनऊ आना जाना बेहद आसान हो जाएगा. यात्री बेधड़क हाईस्पीड से रफ्तार भर सकेंगे. साथ ही जाम के झाम से भी छुटकारा मिलेगा.
इसके अलावा सफर में लगने वाला समय भी 2 घंटे कम हो जाएगा. साथ ही पूर्वांचल और बिहार से लखनऊ होते हुए दिल्ली जाने के लिए लोगों को जाम में नहीं फंसना पड़ेगा.
अभी लोगों को दिल्ली जाने के लिए लोगों को लखनऊ के अंदर से जाना होता है. लेकिन इस लिंक एक्सप्रेसवे के बनने से जाम के झाम से छुटकारा मिलेगा.
लेख में दी गई ये जानकारी सामान्य स्रोतों से इकट्ठा की गई है. इसकी प्रामाणिकता की जिम्मेदारी हमारी नहीं है. जी यूपीयूके इसकी पुष्टि नहीं करता.