बता दें कि सुल्तानपुर शहर अभी करीब चार किलोमीटर के दायरे में सिमटा है. ऐसे में शहर की सड़कें भी बहुत ज्यादा लंबी-चौड़ी नहीं है. इस वजह से आए दिन जाम का सामना करना पड़ता है.
जाम लगने का एक और कारण आवागमन का सटीक मार्ग न होना भी है. इसके अलावा शहर में जो प्रमुख मार्ग हैं उनका चौड़ीकरण भी नहीं हो रहा है. ऐसे में भारी वाहन प्रवेश करते ही जाम लग जाता है.
आलम यह है कि भारी वाहनों के प्रवेश से शहर के करीब तीन किलोमीटर के दायरे में रोजाना जाम का सामना करना पड़ता है. वाहनों की कतार लगी रहती है.
हालांकि लोक निर्माण विभाग यानी पीडब्ल्यूडी ने इससे छुटकारा पाने के लिए प्लान तैयार कर लिया है. पीडब्ल्यूडी ने रिंग रोड का प्रस्ताव शासन को भेज दिया है.
इतना ही नहीं शहर के बाहरी आबादी से होते हुए रिंग का नक्शा भी तैयार कर लिया गया है. शासन से रिंग रोड के प्रस्ताव पर मुहर का इंतजार है.
शासन से मंजूरी मिलते ही सुल्तानपुर शहर में रिंग रोड का काम शुरू कर दिया जाएगा. रिंग रोड के लिए चिन्हिकरण का काम शुरू कर दिया जाएगा.
बताया गया कि इस रिंग रोड को बनाने में करीब एक हजार करोड़ रुपये का खर्च आएगा. इसके बनने के बाद शहर में लगने वाला जाम खत्म हो जाएगा.
एनएच की ओर से तैयार प्रस्ताव के मुताबिक, रिंग रोड प्रयागराज-सुल्तानपुर हाईवे से अहिमाने के पास से निकल कर प्रस्तावित प्रतापगढ़- अयोध्या सिक्स लेन को जोड़ेगी.
हसनपुर के पास से होते हुए सिक्स लेन से गुजरेगी. उत्तरी दिशा में आगे चलकर प्रस्तावित सिक्स लेन से निकलकर रिंग रोड कटका के पास प्रयागराज-अयोध्या हाईवे को जोड़ेगी.
सुल्तानपुर-प्रयागराज मार्ग से अहिमाने के पास से पूर्वी छोर से निकलकर रिंग रोड लोहरामऊ के पास सुल्तानपुर-वाराणसी हाईवे को जोड़ेगी.
हाईवे से वाहन आगे टाटियानगर होते ही आजमगढ़, बलिया, अयोध्या, अंबेडकरनगर, बस्ती समेत अन्य जगहों के लिए जा सकेंगे.
साथ ही सुल्तानपुर-लखनऊ हाईवे से प्रस्तावित प्रतापगढ़-अयोध्या सिक्स लेन होते हुए वाहन अयोध्या व अंबेडकरनगर या फिर आजमगढ़, बलिया के लिए निकल सकेंगे.
शहर के किनारे से रिंग रोड बनने से नगर क्षेत्र का विस्तार गोलाई में हो सकेगा. अभी तक प्रमुख मार्गों पर लोग लंबाई में बस रहे हैं. प्रमुख मार्गों के बीच छूटी जगहों पर भी लोग बस सकेंगे. इसमें कॉलोनियों का विस्तार हो सकेगा.
रिंग रोड और प्रतापगढ़-अयोध्या सिक्स लेन का प्रस्तावित मानचित्र शासन को भेजा दिया गया है. इसकी जल्द मंजूरी मिलने के आसार हैं.
लेख में दी गई ये जानकारी सामान्य स्रोतों से इकट्ठा की गई है. इसकी प्रामाणिकता की पुष्टि स्वयं करें. एआई के काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.